आपका-अख्तर खान

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27 दिसंबर 2014

ऐ साल 2014

ऐ साल 2014
तुझे जाना ही था
तो फिर क्यों आया ,,
आ गया ना
फिर क्यों सोचता है
यूँ ही तू आसानी से चला जाएगा
ऐ साल 2014 सुन
तेरी यादे
तेरे साथ गुज़ारे हुए उनकी क़ुर्बत के लम्हे
तेरे साथ बतियाये उनके अलफ़ाज़
न तू भुला सकता ना में भूल सकता
अब बता
तेरे जाने का क्या फायदा
तू तो हमेशा याद रहेगा ,,याद रहेगा

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