मंगलवार को सम्मानित होने के बाद आरती और पूजा। ये दोनों बहनें छेड़खानी करने वाले लड़कों की पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद देश भर में चर्चित हो गई हैं।
रोहतक: छेड़छाड़ के आरोप में कई युवकों की पिटाई करने के बाद
पहले लोगों की तारीफ बटोरने और बाद में सवालों के घेरे में आने वाली रोहतक
की बहनें आरती और पूजा अपने रुख पर कायम हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें जब
भी मौका मिलेगा, वे परेशान करने वाले युवकों की पिटाई करने से परहेज नहीं
करेंगी। एक न्यूज चैनल से बातचीत में पूजा ने कहा, ''अभी और वीडियो भी
सामने आएंगे। मैं 19 साल की हूं और पूरे जीवन में 2000 से ज्यादा लड़कों ने
मुझसे छेड़छाड़ की है। मुझे जब भी मौका मिलेगा, मैं उनको पीटूंगी।'' बता दें
कि बस में कुछ युवकों की पिटाई के वीडियो सामने आने के थोड़े वक्त के बाद एक
और वीडियो सामने आया, जिसकी वजह से दोनों बहनों के बर्ताव को लेकर सवाल
उठने लगे थे। कुछ लोगों ने तो यहां तक आरोप लगाए कि दोनों बहनें अक्सर लड़ाई
करती हैं। मंगलवार को दोनों बहनों को हिंदू महासभा ने सम्मानित किया था ।
हिसार की जनवादी महिला समिति ने भी दोनों का सम्मान किया था।
पूजा और आरती को उन्हीं के गांव की महिलाओं ने झूठा बताया है। जिस आसन गांव के लड़कों की पिटाई हुई, उस गांव की पंचायत भी पूरी तरह से युवकों के पक्ष में आ गई है। युवकों को कोर्ट से भी जमानत मिल गई है। लड़कियों के गांव की महिलाओं का कहना है कि बस में हुई घटना में लड़के पूरी तरह निर्दोष थे और सारी गलती लड़कियों ने ही की थी। गांववालों ने पांच महिलाओं को मीडिया के सामने पेश किया। ये उसी बस में सफर कर रही थीं। इनमें से चार महिलाओं ने खुद को घटना का चश्मदीद बताया। ये चारों महिलाएं लड़कियों के गांव थाना खुर्द की ही हैं। उन्होंने युवकों को बेकसूर बताया। इस संबंध में उन्होंने पुलिस में शपथ पत्र भी दिया है।
'सीट छोड़ने को कहा तो बढ़ी बात'
जो महिलाएं मीडिया के सामने आईं हैं, उनमें से तीन का नाम विमला है। एक महिला ने बताया, "एक लड़के ने एक बीमार बुजुर्ग महिला का टिकट लिया। उसकी सीट नंबर 8 थी। उस सीट पर दो लड़कियां बैठी थीं। युवक ने बीमार के लिए सीट छोड़ने को कहा तो वे भड़क गईं। बात बढ़ गई और दोनों लड़कियों ने मारपीट शुरू कर दी। दो लड़के बस में थे, जबकि तीसरा रास्ते में (भालौठ से) बस में चढ़ा था। मीडिया में एकतरफा खबर दिखाई गई है। तीनों लड़के बेकसूर हैं। चाहे यहां गवाही दिलवा लो या चंडीगढ़ में। बुढ़ापे में झूठ नहीं बोलूंगी।" अन्य महिलाओं ने भी यही कहा कि लड़कों ने न तो छेड़छाड़ की और न ही मारपीट। अगर पक्ष लेना होता तो हम अपने गांव की बेटियों का लेतीं, लेकिन मामला न्याय और सच्चाई का है। लड़कों की गलती नहीं, उसे सजा कैसे होने देंगे।
'वो महिला तो सामने लाओ, जिसने वीडियो बनाई'
आसन गांव के ग्रामीणों का कहना है कि लड़कियों के अनुसार, मारपीट की वीडियो बस में बैठी एक गर्भवती महिला ने बनाई थी, जबकि चश्मदीद महिलाओं का कहना है कि वीडियो उन लड़कियों के साथ की तीसरी लड़की ने बनाई। अगर लड़कियों की बात में सच्चाई है तो वीडियो बनाने वाली महिला को सामने लाएं।
हरियाणा रोडवेज के जिस बस में दो बहनों द्वारा लड़कों की पिटाई का वीडियो सामने
आया है, उसी बस में सफर करने का दावा करने वाली विमला नाम की एक महिला ने
कहा, "तीन दिन से टीवी में देख रही हूं कि क्या उल्टा-सीधा दिखाया जा रहा
है। जिस लड़के ने मेरा टिकट लाकर दिया, उसे बता रहे हैं कि उसने लड़कियों
के साथ छेड़छाड़ की। अरे, सच्चाई देखनी है तो तसल्ली से वो वीडियो ही देख
लो, जो टीवी पर चल रहा है। शुरू से आखिर तक दोनों छोरियां उस छोरे पर हावी
रहीं। लात-घूंसों व बेल्ट से पिटाई की, इसके बाद भी वह कुछ नहींं बोला। जब
से मामला देख रही हूं, खाना भी नहीं खाया। वो मेरी टिकट लेकर आया था। कैसे
भूल सकती हूं उसे। मन नहीं माना तो पता पूछते-पूछते घर (लड़कों के गांव
आसन) पहुंची।"
गांव गढ़ी सिसाना की रहने वाली विमला ने कहा कि मेरा बयान यहां कराओ
या चंडीगढ़ में गवाही दिलवाओ, खुल कर कहूंगी कि लड़कों का कोई दोष नहीं।
मेरा ताल्लुक न लड़कों से है और न लड़कियों से मेरी जान-पहचान, लेकिन सच
बोलूंगी।
बस में क्या हुआ था
विमला ने टिकट दिखाते हुए कहा कि जिस वक्त घटना हुई, मैं बस में ही
थी। एक बीमार वृद्धा आई। उसने लड़के से टिकट लाने की बात कही। वह भागकर गया
और 8 नंबर सीट की टिकट ले आया, लेकिन सीट पर दो लड़कियां बैठी थीं। बीमार
को बैठाने के लिए सीट छोड़ने की बात लड़कियों को अखर गई। उन्होंने थोड़ी
देर तक बहस की, जिसके बाद लड़का मेरी सीट की तरफ आकर खड़ा हो गया। लड़कियां
फिर भी शांत नहीं हुईं और गाली देती रहीं। लड़के ने हल्का सा विरोध किया
कि दोनों उस पर टूट पड़ीं। एक ने लात-घूंसे चलाए तो दूसरी ने बैग से बेल्ट
निकाल ली।
लड़कियों की गलती
लड़कों को बेकसूर बताने में सिर्फ गढ़ी सिसाना ही नहीं, बल्कि खुद
पीड़ित लड़कियों के गांव थाना खुर्द की चार महिलाएं भी शामिल थीं। उनमें से
दो के नाम विमला तथा तीसरी समा कौर थीं। तीनों ने बताया कि घटना के दौरान
वे भी बस में सफर कर रही थीं। वे नहीं चाहतीं कि किसी के साथ अन्याय हो,
इसलिए मामले की सच्चाई बयां करने आई हैं। उन्होंने बताया कि सीट पर बैठने
को लेकर विवाद शुरू हुआ था। हमने ज्यादा गौर नहीं किया। लेकिन थोड़ी ही देर
में लड़कियों ने एक लड़के को पीटना शुरू कर दिया। वह खुद को बचा रहा था और
लड़कियां थीं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही थीं।
बस से कूदा तो पत्थर बरसाए
विमला ने बताया कि उसने लड़के से कहा कि बस से कूद जा। वह कूद भी गया, लेकिन लड़कियों ने उसका पीछा नहीं छोेड़ा। काफी दूर तक उसके पीछे भागती रहीं और पत्थर बरसाती रहीं। बचने के लिए लड़का ईख के खेत में घुस गया। इसके बाद दोनों लड़कियां फिर से बस में आ गईं। बाकी दोनों लड़कों का तो कुछ लेना-देना ही नहीं था।
विमला ने बताया कि उसने लड़के से कहा कि बस से कूद जा। वह कूद भी गया, लेकिन लड़कियों ने उसका पीछा नहीं छोेड़ा। काफी दूर तक उसके पीछे भागती रहीं और पत्थर बरसाती रहीं। बचने के लिए लड़का ईख के खेत में घुस गया। इसके बाद दोनों लड़कियां फिर से बस में आ गईं। बाकी दोनों लड़कों का तो कुछ लेना-देना ही नहीं था।
विमला ने बताया कि पता चला है कि उस लड़के का नाम कुलदीप है। वह अकेला
ही बस में चढ़ा था। बस में उसके गांव का ही दीपक भी उसे मिल गया। तीसरा
लड़का भालौठ से चढ़ा था, जिसके हाथ में घी था। कंसाला पहुंचते ही पुलिस ने
बस रुकवा ली और लड़कियों ने उसे कुलदीप का साथी बताते हुए दोनों लड़कों को
गिरफ्तार करवा दिया।
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