ऐ पत्थर दिल
मुझे सताने वाले
में जानता हूँ
मेरी मोत की खबर से
तू रो भी ना पायेगा
अपने आंसुओं को
मोहब्बत की रुसवाई के डर से
तू पी जाएगा
ऐ पत्थर दिल
मुझे मत सत्ता
मुझे पता है
ज़माने से लुका छिपी कर
तू नम आँखों से
मेरी क़ब्र पर आकर
लरज़ते हाथों से
फूल चढ़ाएगा ,,,,अख्तर
मुझे सताने वाले
में जानता हूँ
मेरी मोत की खबर से
तू रो भी ना पायेगा
अपने आंसुओं को
मोहब्बत की रुसवाई के डर से
तू पी जाएगा
ऐ पत्थर दिल
मुझे मत सत्ता
मुझे पता है
ज़माने से लुका छिपी कर
तू नम आँखों से
मेरी क़ब्र पर आकर
लरज़ते हाथों से
फूल चढ़ाएगा ,,,,अख्तर
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