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30 नवंबर 2014

पाक से आए कैदियों ने सुनाई आपबीती- खून निकाला फिर उसके सामने ही कुत्तों को पिलाया

पाक से आए कैदियों ने सुनाई आपबीती- खून निकाला फिर उसके सामने ही कुत्तों को पिलाया
अटारी बाॅर्डर/अमृतसर. पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीयों के साथ वहशत, दहशत और दरिंदगी का खेल बदस्तूर जारी है। पड़ोसी देश अपने यहां कैद हमारे लोगों के साथ कई ऐसे बर्ताव करता है, जिनसे हैवानियत भी शर्मसार हो जाए। शनिवार की देर रात पाक से रिहा होकर लौटे 40 कैदियों में शामिल दो लोगों ने कई सनसनीखेज खुलासे किए।
 
बता दें कि इन कैदियों में गुजरात के 35 मछुआरों के अलावा कुपवाड़ा के मुबारक हुसैन, अजमेर शरीफ के मोहम्मद फहीम, मध्य प्रदेश के योगेश कुमार, पश्चिम बंगाल के मंगल तथा उत्तर प्रदेश के जबरुद्दीन शामिल हैं। कुपवाड़ा के 56 वर्षीय मुबारक हुसैन ने बताया कि उनको पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 2007 में घर से उठा लिया था। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वह सरहद पर फेंसिंग लगाने का काम करते थे। और भारतीय होने के नाते अपनी सुरक्षा एजेंसियों का साथ देते थे। 
 
उन्होंने बताया कि दो साल तक उनको आर्मी की जेल मेंं रखा गया और पांच साल तक दूसरी जेलों में। आर्मी टाॅर्चर सेल में उनके दोनों हाथों से एक-एक बोतल खून निकाला गया। यह खून उनके सामने ही कुत्तों को यह कहते हुए पिला दिया गया कि वह काफिर हैं। वह कहते हैं कि वह हैवानियत भरा मंजर कभी भी नहीं भूल पाएंगे। 
 
कैदियों को बनाया जा रहा नपुंसक: फहीम
40 कैदियों संग पाक से रिहा हुए अजमेर निवासी मोहम्मद फहीम भी 2007 के आसपास गलती से पाक सीमा में चले गए थे और उनको गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान फहीम को पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में रखा गया। फहीम ने बताया कि वहां पर उनके जैसे लोगों के साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता है। खाने में अक्सर मर्दानगी खत्म करने वाली दवाएं दी जाती हैं। इसके कारण काफी लोग नपुंसक तथा पागल हो चुके हैं। उनके साथ रिहा हुए योगेश, मंगल तथा जबरुद्दीन भी इसी कड़ी का हिस्सा हैं। उन्होंने भी पाक में उनके साथ हुई यात्नाओं के बारे में बताया।

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