आपका-अख्तर खान

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30 नवंबर 2014

बदल - बदल जाती हूँ ,

कभी तेरी , कभी खुद की ...
हो जाती हूँ ,
चंद पलों में ही मैं ...
बदल - बदल जाती हूँ ,
परिंदों को आसमान में देख ...
बहक - बहक जाती हूँ ,
लगाके पंख संग उनके ...
दूर गगन में उड़ जाती हूँ ,
आग्रह को फ़र्ज़ मान ...
साथ तो निभाती हूँ ,
सुबह सूरज की ...
रात को चाँद की हो जाती हूँ ,
मैं जानती हूँ मैं सोच हूँ ...
पल में बदल - बदल जाती हूँ ।

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