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05 नवंबर 2014

मेरे भारत महान की गुलाम दिल्ली ,,जी हाँ गुलाम दिल्ली जो कहने को तो राजधानी है

मेरे भारत महान की गुलाम दिल्ली ,,जी हाँ गुलाम दिल्ली जो कहने को तो राजधानी है ,,,यहां सोलह ज़िले दो सो पचहत्तर वार्ड और पैसठ विधायक है ,,कहने को लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित एक अदद मुख्यमंत्री और कुछ मंत्री होते है ,,लेकिन सब खिलोना मिटटी के माधो होते है इस गुलाम दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक सिपाही का ट्रांसफर करना तो दूर निलंबन करने का अधिकार भी नहीं है ,,यह बात आज़ादी से आज तक क़ानून में तो लिखी थी लेकिन आम जनता से अख़बारों ,,मीडया और कांग्रेस भाजपा ने छुपा रखी थी दिल्ली की इस गुलामी का दर्द अरविन्द केजरीवाल सामने लाये ,,,उन्होंने धरना दिया ,,,,आंदोलन किया और फिर घर बैठ गए ,,,,,,दोस्तों दिल्ली में चुनाव का बिगुल बज गया है ,,कांग्रेस बैकफुट पर है क्योंकि उसकी बेवकूफी की वजह से दिल्ली को यह दिन देखना पढ़े है लेकिन फिर भी कांग्रेस ने सिक्ख वोटों को अपने साथ लेने के लिए फिर ,,सिंह इस किंग ,,,मनमोहन सिंह को आगे किया है जिस जापान में ढोल बाजे बजाकर नाच गण कर नरेंद्र मोदी आये है उस जापान ने मनमोहन सिंह को सम्मान के लिए पुकारा है ,,इधर भाजपा ने सिक्खों को पांच लाख रूपये देने की बात की ,,मोदी लहर बताई ,,रिक्शे वालों को लाइसेंस की बात की ,,,एक मोदी लहर की हवा को मुद्दा बनाया ,,लेकिन आप पार्टी जो बिखरा हुआ बुजुद समेटने की कोशिश में है वोह साम्प्रदायिकता ,,,,,कालाधन ,,भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली ,,,गरीबों को न्याय ,,,पानी बिजली की दरों में कटौती ,,को मुद्दा बना रही है कितनी बेवक़ूफ़ है आप पार्टी और आप पार्टी के नेता लोग जो सिर्फ मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते है सियासत नहीं करना चाहते ,,भारत की जनता ने क्या कभी ईमानदार आदमी को ,, ईमानदारी से काम करने वाले को ,,दिल्ली को गुलामी से आज़ाद कराने की बात करने वाले को ,,महंगाई कम कर सस्ताई करने वालों को ,,,भ्रष्टाचर खत्म करने वाले को ,,,क़ानून का राज स्थापित करने वाले को ,,,लुटेरे उद्योगपतियों को ,,,,कभी चुनाव जिताया हिअ ,,कभी विधायक ,,सांसद ,,मुख्यमंत्री बनाया है ,,नहीं ना तो फिर अरविन्द केजरीवाल और समर्थको आप कैसे उम्मीद कर सकते हो के इस ज़माने में इस कलियुग में सतयुग लाने वालों के हाथो में कुर्सी होगी ,,अब तो शायद आप पार्टी का वुजूद भी खत्म होगा और शरारती तत्वों ,,आपराधिक तत्वों के थप्पड़ ,,घूंसे ,,लात ,,,अंडे ,,टमाटर ,,,इस ईमानदार आदमी के लिए बेताब होंगे ,,अख़बार ,,,मीडिया और सोशल मिडिया इस पार्टी और समर्थको को पागल ,,बेवक़ूफ़ ,,झूंठा ,,रणछोड़दास ,राष्ट्रविरोधी ,,कहकर प्रचारित करने का ठेका ले चुके है ,,,कालाधन बाबा रामदेव के मुख पर कालिख पोत चुका है वोह शर्म के मारे अपना चेहरा लोगों को दिखाने की स्थिति में नहीं है ऐसे में ना तो दिल्ली आज़ाद होगी और ना ही दिल्ली में कोई आज़ाद जनता के हम ख्याल मुख्यमंत्री बन सकेगा ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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