17 साल बाद इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतों में एक के बाद
लगातार 2 साल गिरावट दर्ज की गई है। 2013 और 2014 में अब तक सोने की कीमतें
इंटरनेशनल मार्केट में करीब 50 फीसदी तक घट चुकी हैं। ये कमी 2013 में 28
फीसदी और इस साल अब तक 20 फीसदी रही। 2013 में सोने की औसत कीमत साल 2012
के 1655 डॉलर प्रति औंस के मुकाबले 1240 डॉलर प्रति औंस थी।
दिसंबर में भी अगर यह गिरावट जारी रही तो सोना लगातार दो साल गिरने का
17 साल पुराना इतिहास फिर से दोहराएगा। इससे पहले 1997 और 1998 में सोने
की कीमतें इंटरनेशनल मार्केट में लगातार 2 साल घटी थीं। इन 2 सालों में
इंटरनेशनल मार्केट में कीमतें क्रमश: 14 और 2 फीसदी घटी थीं। इससे निवेशकों
को तगड़ा नुकसान हुआ।
बाजार के विशेषज्ञों के बीच आमराय है कि कीमतों में गिरावट का यह
सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। गिरावट के इस दौर में सोना 25000 तक के स्तर को
जल्द छू सकता है। इसी के चलते फंड मैनेजर सोने को अब निवेश के लिए आकर्षक
नहीं मान रहे हैं। दिलचस्प है कि 2013 से पहले सोने ने लगातार 15 साल तक
निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया।
ये हुआ था 1997 और 1998 में
1997 में इंटरनेशनल मार्केट में सोने की औसत कीमत साल 1996 के 387
डॉलर प्रति औंस से घटकर 331 डॉलर पर पहुंच गई थी। 1998 में कीमतों में 38
डॉलर की और कमी आई, जिससे सोना 294 डॉलर के स्तर पर आ गया था। इसके बाद से
लेकर 2012 तक लगातार किसी भी दो साल सोनें की कीमतों में गिरावट नहीं आई
थी।
2013 और 2014 में यहां पहुंची कीमतें
2013 में सोने की औसत कीमत साल 2012 के 1655 डॉलर प्रति औंस के
मुकाबले 1240 डॉलर प्रति औंस थी। नंवबर 2014 में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू
दोनों बाजार में सोना 4 साल के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। आज भी अंतरराष्ट्रीय
बाजार में सोने की कीमतों में 19 डॉलर की जोरदार गिरावट देखने को मिल रही
है। इससे कॉमैक्स पर सोना 1150 डॉलर प्रति औंस के नीचे फिसल गया है।
एमसीएक्स पर सोना दिसंबर वायदा ने 25,460 रुपए का लो लगाया है। फिलहाल 1.65
फीसदी की गिरावट के साथ 25,535 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर
रहा है।
दिल्ली के सर्राफा बाजार में 450 रुपए सस्ता हुआ सोना
दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने की कीमतों में 450 रुपए
की गिरावट आई है। फिलहाल सोना 25,900 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर बिक
रहा है। वहीं, दिल्ली में चांदी 900 रुपए की गिरावट के साथ 35,050 रुपए
प्रति किलो के स्तर पर कारोबार कर रहा है। ज्वैलर्स और ग्राहक कीमतों में
और गिरावट का इंतजार कर रहे है जिसके कारण सोने की मांग घटी है।
गिरावट के कारण
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में सोने की कीमतें साल के निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं। इसका मुख्य कारण सोने की निवेश मांग का घटना है। साथ ही डॉलर इंडेस्क की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी इसकी बड़ी वजह है।
गोल्ड फंड्स ने घटाई होल्डिंग
सोने की निवेश मांग किस तरह से कम हो रही है इसका अंदाजा दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ETF, SPDR गोल्ड ट्रस्ट के पास पड़े सोने से लगाया जा सकता है। SPDR गोल्ड ट्रस्ट ने मंगलवार को करीब 3.5 टन सोना बेचा है और अपनी होल्डिंग को घटाकर 738.8 टन तक कर लिया है। इस साल SPDR की गोल्ड होल्डिंग 7.4 फीसदी घटी है। इस साल सोने की ईटीपी 119.4 टन घटकर 1643.4 टन हो गया है।
कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट
मंगलवार को नायमैक्स पर कच्चा तेल 77.19 डॉलर प्रति बैरल पर फिसल गया था, जो अक्टूबर 2011 का निचला स्तर है। वहीं, ब्रेंट क्रूड की कीमतें 4 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस साल नायमैक्स क्रूड की कीमतें 22 फीसदी और ICE ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 26 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। दरअसल, कच्चे तेल की कीमतों में आई जोरदार गिरावट से महंगाई कम होने की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में सोने की कीमतों पर दबाव बन रहा है।
डॉलर इंडेस्क में तेजी से सोने पर दबाव
यूरोपीयन कमीशन ने यूरोपीय सेंट्रल बैंक के बैठक से पहले यूरोपीय देशों के ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है जिसके कारण डॉलर के मुकाबले यूरो में कमजोरी आई है। इस हफ्ते डॉलर इंडेस्क 5 साल के ऊंचाई पर पहुंच गया था। हालांकि मंगलवार को आए अमेरिका के खराब निर्यात डेटा की वजह से डॉलर पर दबाव दिखा था। डॉलर इंडेस्क अभी भी 87 के ऊपर बना हुआ है विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में तेजी जारी रहने की संभावना है।
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