नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने 77 साल के ऐसे शख्स को गिरफ्तार
किया है, जिसने जज को फर्जी चिट्ठी के सहारे छुट्टी पर भेज दिया। फिर जज की
सीट पर बैठकर पौने तीन हजार लोगों को जमानत दे दी। इस ठग को पुलिस ने
पंजाबी बाग इलाके से कार चोरी करते रंगे हाथों पकड़ा। 77 साल का धनीराम इसके
पहले 21 बार गिरफ्तार हो चुका है। दिल्ली पुलिस ने उसे 22 वीं बार
गिरफ्तार किया है।
हालांकि बुधवार को उसकी गिरफ्तारी के वक्त दिल्ली पुलिस को भी नही पता था कि उसके हाथ आया ये बूढ़ा देश के सबसे बड़े जालसाजों में से एक है। पुलिस कार चोर समझकर जिस धनीराम से पूछताछ कर रही थी उसने जब सच्चाई बतानी शुरू की तो पुलिस के होश उड़ गए। धनीराम ने पूछताछ में बताया कि वो रेलवे में स्टेशन मास्टर भी रह चुका है। लेकिन मन नहीं लगने की वजह से उसने नौकरी छोड़ दी। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद धनीराम के तबियत खराब होने की शिकायत की। इस पर पुलिस ने उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में दाखिल कराया है। पुलिस के मुताबिक रेलवे में स्टेशन मास्टर की नौकरी करने के पहले धनीराम ने कोलकाता से हैंडराईटिंग एक्सपर्ट का तीन साल का कोर्स भी किया था। बाद में उसने एलएलबी कर वकालत शुरू कर दी।
दो महीने में दे दी जमानत
उसने बताया कि एक बार हरियाणा के झज्जर कोर्ट के एक एडिशनल सेशन जज पर
विभागीय जांच चल रही थी। धनीराम ने एक फर्जी लेटर बनाकर एडिशनल सेशन जज को
छुट्टी पर भेज दिया और दो महीने तक उस जज की कुर्सी पर बैठकर अदालत लगाता
रहा। दो महीने के दौरान धनीराम ने 2740 लोगों को जमानत दे दी।
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