इसे कहते है मिडिया का हरामीपन ,,एक इमाम मस्जिद के एक छोटे से निजी
समारोह में किसको बुलाये किसको नहीं ,,,लेकिन जनाब मिडिया का हरामीपन
देखिये हेडिंग झगड़ाने वाला बनाया और माहोल खराब कर दिया ,,,आज तक किसी इमाम
के समारोह में कितने प्रधानमंत्री को बुलाया और कितने प्रधानमंत्री चले गए
नेहरू से मोदी तक यही हाल रहा है ,,अगर मोदी साहब के पास न्योता जाता भी
तो क्या वोह चले जाते किसी मिडिया कर्मी ने मोदी से पूंछने की हिम्मत की
,,,नहीं ना तो फिर इतना बखेरा क्यों एक इमाम को इतना ज़िल्लत क्यों
,,,,हमारे एक साहब है जो सुपारी लेकर धरने प्रदर्शन करते है उन्हें साक्षी
महाराज के खिलाफ कोई रूपये देने वाला नहीं मिला उनके खिलाफ वोह कुछ नहीं
बोले लेकिन मर्यादाएं तोड़कर इन बुखारी साहब के मोहल्ले में उनके खिलाफ
बोलते देखे गए बात अजीब है लेकिन सच और कड़वी है ,,,,अख्तर
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