है दीप तुझ में
देख में अली मिल गया
अली के मिलते ही
देख तू
दीप से दीपावली बन गयी
कितनी खुशियां है
इस मिलन में
जीत की ख़ुशी है
स्वास्थ की ख़ुशी है
धन की वर्षा है
नईं खरीददारी है
सुकून है
मोहब्बत है
मिठास है
पटाखों की खुशियां
फुलझड़ियों की रौशनी है
खुशहाली है
क्योंकि
यह दीप और अली से मिलकर
मनाई जा रही दीपावली है ,,,,
दीपावली मुबारक हो ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
देख में अली मिल गया
अली के मिलते ही
देख तू
दीप से दीपावली बन गयी
कितनी खुशियां है
इस मिलन में
जीत की ख़ुशी है
स्वास्थ की ख़ुशी है
धन की वर्षा है
नईं खरीददारी है
सुकून है
मोहब्बत है
मिठास है
पटाखों की खुशियां
फुलझड़ियों की रौशनी है
खुशहाली है
क्योंकि
यह दीप और अली से मिलकर
मनाई जा रही दीपावली है ,,,,
दीपावली मुबारक हो ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)