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06 अक्तूबर 2014

शंख से मिलती है लंबी उम्र और प्रसन्न होती है लक्ष्मी, ये हैं शंख के कई लाभ

उज्जैन। आज के दौर में लंबी उम्र और स्वस्थ शरीर पाने के लिए दवाओं की मदद काफी लोगों द्वारा ली जा रही है। जबकि पुराने समय में लोगों के द्वारा कुछ काम ऐसे किए जाते थे, जिनसे उन्हें लंबी आयु के साथ ही ताकतवर शरीर की प्राप्ति होती थी। शंख बजाना भी एक ऐसा काम है, जिससे शरीर को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यहां जानिए शंख से किस प्रकार स्वस्थ शरीर प्राप्त होता है और कैसे मिलती है लक्ष्मी कृपा...
 
हिंदू धर्म में कई प्रकार के धार्मिक तौर-तरीके और परंपराएं हैं। जिनका हमारे जीवन में गहरा महत्व है। ऐसे सभी कर्मों के पीछे धार्मिक महत्व के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है।
 
प्राचीन परंपराएं हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। ऐसी ही एक परंपरा है शंख बजाना। शंख बजाते समय हमारे फेफड़ों का बहुत अच्छा व्यायाम होता है। इस व्यायाम से फेफड़ों की दूषित वायु बाहर निकल जाती है और शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। प्रतिदिन ऐसा करने पर शरीर शक्तिशाली बनता है, कार्य करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
शंख की ध्वनि लगातार सुनना हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। इसके प्रभाव से हृदयाघात होने की संभावनाएं काफी कम रहती हैं।
 
शंख में रखा पानी कभी खराब नहीं होता है और इसमें रखे पानी को पीने से कई रोगों में लाभ मिलता है। अत: हमें प्रतिदिन सुबह और शाम को शंख रखा जल पीना चाहिए।
 
शंखनाद पर हुए कई शोधों का यह निष्कर्ष निकाला कि इसकी तरंगें बैक्टेरिया नष्ट करने के लिए एक तरह से श्रेष्ठ व सस्ती औषधि है। इससे हैजा, मलेरिया के कीटाणु भी नष्ट हो सकते हैं। शंख ध्वनि से हमारे भीतर रोगनाशक शक्ति उत्पन्न होती है। मानसिक तनाव (मेंटल टेंशन), ब्लडप्रेशर, मधुमेह, नाक, कान व पाचन संस्थान के रोग होने की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।
शास्त्रों में शंखनाद का महत्व इस प्रकार है-
यस्य शंखध्वनिं कुर्यात्पूजाकाले विशेषत:।
वियुक्त: सर्वपापेन विष्णुना सह मोदते॥ (रणवीरभक्ति रत्नाकर)
 
अर्थात- पूजा के समय जो व्यक्ति शंख ध्वनि करता है, उसके सभी पाप यानी दु:ख दूर होते हैं। वह व्यक्ति भगवान विष्णु और लक्ष्मी कृपा से आनंद पाता है।
 
जो भी व्यक्ति प्रतिदिन पूजन के समय शंख बजाता है उसे महालक्ष्मी के साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।शंखनाद में प्रदूषण को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। एक वैज्ञानिक खोज के अनुसार शंख की आवाज जहां तक जाती है, वहां तक कई रोगों के कीटाणु ध्वनि स्पंदन से या तो खत्म हो जाते हैं या फिर वे निष्क्रिय हो जाते हैं। रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की किरणें ध्वनि की तरंगों को फैलने से रोकती है, इसीलिए सिर्फ सुबह और शाम शंख बजाने की परंपरा है
हमारे यहां मंदिरों में सुबह और शाम के समय आरती में शंखनाद किया जाता है यानी शंख बजाया जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार शंखनाद शुभ होता है। इसीलिए पूजा-पाठ के अलावा विवाह, विजय के उत्सव, राज्याभिषेक, हवन और किसी के आगमन के समय आमतौर पर शंख बजाया जाता है।
 
शंख बजाने में हमारी सेहत का राज भी छिपा है। शंखनाद से हम स्वस्थ रहते हैं। कई रोगों के कीटाणु भी दूर हो जाते हैं। प्राचीनकाल में युद्ध का आरंभ और समाप्ति शंखनाद से ही होती थी। ऐसा कहते हैं कि इसकी ध्वनि दुश्मनों को कमजोर करती है। 
हमारे यहां मंदिरों में सुबह और शाम के समय आरती में शंखनाद किया जाता है यानी शंख बजाया जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार शंखनाद शुभ होता है। इसीलिए पूजा-पाठ के अलावा विवाह, विजय के उत्सव, राज्याभिषेक, हवन और किसी के आगमन के समय आमतौर पर शंख बजाया जाता है।
 

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