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07 अक्तूबर 2014

सुप्रीमो जयललिता को नहीं मिली जमानत, समर्थकों ने की तोड़फोड़



फोटोः जयललिता को जमानत न मिलने पर चेन्नई के एक रेस्तरां में उनके समर्थकों ने तोड़फोड़ की। 
 
चेन्नई/बेंगलुरु. आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की सज़ा काट रहीं एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता अभी जेल में ही रहेंगी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिन भर चली सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। अर्जी खारिज होने के बाद जयललिता समर्थक तोड़फोड़ करने लगे। चेन्नई के एक रेस्तरां में जयललिता समर्थकों ने तोड़फोड़ की। इस बीच, जयललिता के विरोधी डीएमके सुप्रीमो करुणानिधि ने राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत को देखते हुए कहा है कि जिन लोगों को कानून व्यवस्था नहीं देखनी है, कहीं उन्हें यह काम अपने हाथ में न लेना पड़ जाए। इससे पहले यह अफवाह फैल गई थी कि जयललिता को जमानत मिल गई है। यह अफवाह सुनते ही जयललिता के समर्थक पटाखे फोड़ने लगे थे। 
 
इस तरह फैली अफवाह
जयललिता को जमानत की अफवाह समर्थकों के अति-उत्साह के चलते फैली। सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट में जब फैसला पढ़ा जा रहा था, तब अभियोजन पक्ष के वकील जी भवानी सिंह ने सशर्त जमानत दिए जाने का विरोध नहीं किया, इसके तुरंत बाद ही समर्थकों ने यह मान लिया कि जयललिता को जमानत दे दी गई। जबकि सिंगल बेंच के जज एवी चंद्रशेखर ने जयललिता की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
 
इससे पहले जयललिता की जमानत याचिका पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। जयललिता  की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने पैरवी की। वहीं, पुलिस ने इस सुनवाई को ध्यान में रखकर न्यायालय के आसपास तथा अन्य स्थानों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी, ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं घटे। पुलिस ने धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा भी लागू कर दी थी। 
गौरतलब है कि जयललिता को आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में चार वर्ष के कारावास और 100 करोड़ रुपए जुर्माने की सजा दी गई है। उन्होंने उच्च न्यायालय में निचली अदालत के इस फैसले को चुनौती देने के साथ जमानत के लिए भी आवेदन किया है। जयललिता के अतिरिक्त उनके निकटस्थ तीन अन्य लोगों को भी कारावास तथा जुर्माने की सजा दी गई है।
 
पोस्टर विवाद से अन्नाद्रमुक ने पल्ला झाड़ा
अन्नाद्रमुक के एक सांसद ने 'अम्मा' को जमानत न मिलने पर मंगलवार सुबह  कन्नड़भाषियों को बंधक बनाने की खुली धमकी देते हुए चेन्नई में पोस्टर भी लगवाए। (अगली स्लाइड में देखें) पोस्टर में एआईडीएमके के सांसद कुमार, तमिलनाडु के मौजूदा मंत्री वलरमाथी और विधायक कलाईरंजन के भी नाम प्रकाशित हैं। हालांकि जब बवाल मचा तो पोस्टर फाड़ दिए गए। वहीं अन्नाद्रमुक ने भी पोस्टर विवाद से पल्ला झाड़ लिया। पार्टी प्रवक्ता ने इसे 'सस्ती लोकप्रियता' बताते हुए कहा है कि यह पार्टी के किसी सांसद ने नहीं लगाया, बल्कि यह द्रमुक की शरारत है। प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस को शिकायत भी दर्ज करा दी है।
 
रिहाई के लिए अनशन-प्रदर्शन हुआ 
जयललिता की रिहाई के लिए अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता, जयललिता समर्थक, राज्य के मंत्री, सांसद और विधायकों का प्रदर्शन और अनशन जारी है। तमिलनाडु ओमनी बस ओनर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को घोषणा की कि जयललिता के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए 1500 ओमनी बसें मंगलवार को सड़कों पर नहीं उतरीं। 

पर्यटक भी परेशान
कोयंबटूर और नीलगिरि जिलों में बंद के चलते पर्यटकों को उचित भोजन नहीं मिल पाया। पुलिस ने बताया कि एक दिन के बंद के चलते नीलगिरि जिला स्थित प्रमुख पर्यटक स्थलों उदगमंडलम, कुन्नूर, गुडलूर और कोठागिरि में पर्यटकों को समुचित भोजन नहीं मिल पाया, क्योंकि सभी होटेल और रेस्त्रां बंद थे।

अनशन में अन्नाद्रमुक के 500 सदस्य
इस बीच कोयंबटूर स्थित कुनियामुतूर में एक अनशन आयोजित किया गया, जिसमें करीब अन्नाद्रमुक के युवा इकाई के करीब 500 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही जयललिता को जल्द रिहा करने की मांग को लेकर उक्कादम बस स्टैंड के पास करीब 100 लोगों ने अनशन किया।

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