ऐ जानेमन
मुगले आज़म देखी थी
अकबर ने कहा था
एक ऐसी मुजस्सम मूर्ति
जिसे देखकर
बादशाह अपना ताज रख दे
जिसे देखकर
आशिकों की साँसे थम जाए
जिसे देख कर
में भी ऐसा कह सकूँ
किया मुझे तुम
ऐसी तस्वीर नहीं दे सकते ,,,,
,किया मुझे तुम
ऐसी तस्वीर नहीं दे सकते ,,,,,,,,अख्तर
मुगले आज़म देखी थी
अकबर ने कहा था
एक ऐसी मुजस्सम मूर्ति
जिसे देखकर
बादशाह अपना ताज रख दे
जिसे देखकर
आशिकों की साँसे थम जाए
जिसे देख कर
में भी ऐसा कह सकूँ
किया मुझे तुम
ऐसी तस्वीर नहीं दे सकते ,,,,
,किया मुझे तुम
ऐसी तस्वीर नहीं दे सकते ,,,,,,,,अख्तर
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