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10 अक्तूबर 2014

कोटा की पुलिस और कोटा की पत्रकारिता मासूम रुद्राक्ष बालक के हत्यारे बन गए

कोटा की पुलिस और कोटा की पत्रकारिता मासूम रुद्राक्ष बालक के हत्यारे बन गए ,,,जी हाँ दोस्तों फिरोती को लेकर किये गए अपहरण मामले में यह पहली बचकानी हरकत है के पुलिस ने और अख़बार ने अपहरण कर्ताओं के बारे में हर सुचना सार्वजनिक की है ,,नतीजा हड़बड़ाहट में अपहरण कर्ताओं ने बच्चे की हत्या करती ,,बच्चे के माँ बाप ,,दादा ,दादी ,, परिजन और पूरा कोटा आज रोता बिलखता सदमे में है ,,,,ताज्जुब है के एक अपहरण जिसमे चौथवसूली का मामला शामिल है पुलिस को बढ़ी परिपक्वता से हेंडल करना था ,,लेकिन अफ़सोस बचकानी हरकत ने हर खबर लीक की ,,पत्रकारों को एक एक बात की खबर दी और नादान पत्रकारों ने इस खबर को लीड खबर बना डाली ,,नतीजा बच्चे की हत्या के रूप में सामने आया है ,,,,इस मामले में सभी का एक मत है के अगर पुलिस एहतियात बरतती ,,अख़बार मिडिया इसे खबर नहीं बनाते और अपहरणकर्ताओं को बातों में लगा कर धोखे में रखते तो वैभव अपहरण मामले की तरह मामला निपटाया जा सकता था ,,वैभव अपहरण ऑपरेशन में लगे सभी पुलिस अधिकारी खामोशी से निजी काम बताकर छुट्टी लेकर थाने से गायब हुए और गुपचुप इस ऑपरेशन में सफलता मिली ,,,ऐसे मामले में पुलिस का खबर छपवाने का उत्साह भी खतरनाक साबित हुआ है ,,कोटा पुलिस ने ग्रामीण में चन्द्र ज्योति उपनिरीक्षक के एक मामले जांच की एक खबर प्रमुखता से शब्द ब शब्द अख़बारों में प्रकाशित करवाई थी और यही नीति खतरनाक साबित होती है ,,,चन्द्रज्योति मामले में पुलिस और पत्रकारिता साठगांठ से चन्द्रज्योति की छवि तो कुछ अधिकारी निजी द्वेषता से निकालने में कामयाब हो गए लेकिन आज खबरों को बिना सोचे समझे लीकेज करना कोटा के रुद्राक्ष की ज़िंदगी को महंगा पढ़ गया ,,,रुद्राक्ष को विनम्र श्रद्धांजलि और राजस्थान सरकार को इस घटना में लापरवाह पुलिस प्रशासन के सभी शीर्ष अधिकारीयों को निलंबित कर उन्हें कमसे कम कोटा जैसी संवेदनशील नगरी से तो आउट करना ही होगा वरना कोटा में इस तरह की बेवकूफियां लगातार क़ानून व्यवस्था के लिए नुकसानदायक साबित होंगी ,,, कोटा में मुख्यमंत्री दो बार आ गयी ,,,कोटा दक्षिण के चुनाव हो गए ,,नगरनिगम चुनाव आने वाले है लेकिन यहां एक एस पी सरकार को लगाने के लिए उपलब्ध नहीं हो रहा है ,,,जो अधिकारी कोटा पुलिस अधीक्षक का काम देख रहे है उनके हौसले तो इसलिए बढ़ गए के उन्होंने एयरपोर्ट पर अखबार वालों को बंद करने की चेतावनी तक दे डाली और जब इनकी शिकायत कोटा के अख़बार वालों ने सीधे मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया से की तो वोह हंसी ठिठोली में उड़ा कर चली गयी ,,पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ,,,,इतना ही नहीं एस पी के खाली पद पर कोई नियुक्ति नहीं तो जनाब रुद्राक्ष मामले में कोटा पुलिस ,,,कोटा के अख़बार ,,कोटा के जनप्रतिनिधि और राजस्थान सरकार पूरी तरह से ज़िम्मेदार है ,,अब अपराधी पकड़े जाएंगे सड़कों पर ,,थाने में अदालत में अपराधी पिटेंगे ,,उन्हें सज़ा भी मिल जायेगी लेकिन रुद्राक्ष तो अब वापस नहीं आ सकता ,,रुद्राक्ष को विनम्र श्रद्धांजलि ,,उसके परिजनों को खुदा इस हादसे से उबरने की ताक़त दे सब्र दे ,,,अफ़सोस इस घटना को सरकार ने अभी तक गंभीरता से नहीं लिया है और नासमझ अधिकारीयों को निलंबित नहीं किया है जबकि कांग्रेस भी कुछ कम नहीं कोटा बंद इस समस्या का समाधान नहीं ,,,इन मामलों में रचनात्मक बहस होना चाहिए ताकि फिर आगे होने वाले संभावित हादसों से बचा जा सके ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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