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14 अक्तूबर 2014

मासूम रुद्राक्ष के अपहरण फिर न्रशंस हत्या का साज़िश करता का पर्दाफ़ाश कोटा पुलिस ने कर दिया है ,,आरोपी अंकुर पहाड़िया और उसके सभी साथी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे

कोटा में मासूम रुद्राक्ष के अपहरण फिर न्रशंस हत्या का साज़िश करता का पर्दाफ़ाश कोटा पुलिस ने कर  दिया है ,,आरोपी अंकुर पहाड़िया और उसके सभी साथी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे ,,,,,दोस्तों अपहरण और हत्या की यह घटना दिल हिला देने वाली ,,,रोंगटे खड़े कर  देने वाली और पुरे इस शहर को चौसर चुल्लू रुला देने वाली है ,,,,,ह्रदय विदारक इस घटना से कोटा की जनता में आक्रोश है और हर कोई क़ातिल को मार देना चाहता है ,,,मेने पहले भी  कोटा पुलिस महानिरीक्षक को इस मामले में आगाह किया था के कोटा में जल्दी ही करोड़पति बनने की चाह में कुछ आदतन लोग लूट खसोट अपराध और अवैध चौथवसूली के कारोबार में लग गए है ,,,मेने कहा था के कोटा में प्रॉपर्टी डीलिंग के अवैध कारोबारी ,,,फ़र्ज़ी प्लाट बेचने वाले ,,,कार बाज़ार के नाम पर गैरकानूनी फाइनेंस करने वाले ,,बी सी के नाम पर ब्याज़खोरी का बाज़ार गर्म करने वाले ,,,अवैध कबाड़ी ,,,अवैध कारोबारी ,, रोज़ नईं गाड़ियों को बदलने वाले खर्चीले लोग कोटा शहर में अपराध पनपा रहे है ,,पुलिस बीट प्रणाली से इन सब लोगों पर नज़र रखना ज़रूरी है ,,पुलिस महानिरीक्षक ने तो कोटा पुलिस अधीक्षक को पालनार्थ लिख दिया  लेकिन कोटा पुलिस क्या करती सभी सफेद पॉश आपराधिक या  तो किसी सियासी पार्टी के मुखर कार्यकर्ता बने है ,,या फिर भाईसाहब के साथी है ,,या फिर किसी अख़बार के बढ़े विज्ञापनदाता बन गए है ,,,इन लोगों पर तो कोटा पुलिस ने निगरानी नहीं रखी ,,इन्हे सूचीबद्ध नहं किया और नतीजा कोटा को एक गंभीर नौसिखिया घटना रुला गयी ,,,खेर क़ानून के हाथ लम्बे होते है ,,कोटा पुलिस और बाहर से आये सभी अधिकारी शाबाशी के पात्र है जिन्होंने इस घटना में आरोपियों की पहचान कर ली है और जल्द ही वोह पुलिस गिरफ्त में होंगे ,,,,,लेकिन जनता के गुस्से  का पुलिस को ध्यान में रखना होगा ,,,क़ानून अपना काम करेगा ,,,पुलिस अनुसंधान प्रक्रिया ,,बयान ,,चार्जशीट ,,,फर्द ज़ब्ती ,,इंट्रोगेशन रिपोर्ट ,,,,परिस्थिति जन्य साक्ष्य के गठबंधन को इंतना मज़बूत करे के अपराधी बच कर निकल न सके ,,मामला केस ऑफिसर स्कीम में लेकर अदालत से फास्टट्रेक  प्रक्रिया के तहत दिन ब दिन सुनवाई की मांग करे ,,गवाहों को  अदालत में जाने के पहले पूर्ण प्रशिक्षण दे ,,,वकीलों की किया जिरह होगी और क्या जवाब देना है इसकी जानकारी दे ,,गवाहों को सुरक्षा दे विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति करवाये ,,,,,,में इस मामले में निशुल्क पैरवी करने का इच्छुक हूँ मुझे यह मामला सरकार की तरफ से दिया जाए ,,,लेकिन दोस्तों जोश में होश खोने से काम नहीं चलेगा ,,अपराधी को सड़कों पर घेरना ,,अदालत में मारना पीटना यह ठीक कार्यवाही नहीं होगी इससे अपराधी को ही फायदा होगा ,,,हमे क़ानून हाथ में नहीं लेना है ,,क़ानून अपना काम करेगा ,,,पुलिस को इस मामले में  विशेष सावधानी बरतना होगी के कहीं अभियुक्तों के साथ पुलिस अभिरक्षा में कोई वारदात ना हो जाए और अभियुक्त क़ानून के फांसी के फंदे से बच निकले ,,दोस्तों देश का क़ानून है के देश के संविधान के प्रावधान के तहत किसी भी अपराधी को बिना पसंद के वकील के बचाव के सज़ा नहीं दी जा सकती इस पर सुप्रीमकोर्ट की टिप्पणी भी है और कई खतरनाक अपराधी इस मामले में उन्हें बचाव में मनचाही क़ानूनी सहायता उपलब्ध न्हों होने पर अदालत से बरी भी किया गया है ,,यह मामला अफज़ल गुरु की तरह नहीं है जिसे क़ानूनी सहायता नहीं मिलने पर भी फांसी दी गयी थी ,,इसलिए क़ानूनी रूप से क़ानून के जानकारों को भी पैरवी के बहिष्कार के गैरकानूनी  फैसले से बचना होगा ,,,,अब मिडिया इस मामले की रिपोर्टिंग सकारात्मक आक्रामक करे जिसे देश और समाज इस कुख्यात हत्यारे की तस्वीर जनता के सामने पहुंचाए और अदालत इस मामले में गंभीर न्यायिक क़दम उठाते हुए रेयर से रेयरेस्ट केस मानकर सज़ा सुनाये ,,तब कहीं हमारी ,,हमारे कोटा शहर वासियों की इस रुद्राक्ष को सच्ची श्रद्धांजलि होगी ,,,अभी कोटा में नगर निगम चुनाव है ,,कांग्रेस भाजपा दो बढ़ी पार्टियां है कोटा के पैसठ वार्डों में कमसे कम छ सो सक्रिय पार्षद के उम्मीदवार प्रत्याक्षी है जो इस मुद्दे पर सियासत करना चाहेंगे ,,उनके बहकावे में न आये ,,,सोशल मिडिया के ज़रिये अख़बार की रिपोर्टिंग ,,खबरें छुपाने की प्रक्रिया पर नज़र रखे ,,,खबर पता चलते ही वायरल करे लेकिन तस्दीक़ करने के बाद ताकि प्रिंट मिडिया और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के सामने सच बताने के अलावा कोई दूसरा विकल्प ही ना बचे ,,कोई पक्षपात  मीडिया रिपोर्टिंग में ना हो सके ,,,सभी जानते है के प्रत्येक अपराधी खुद को निर्दोष  कहता है उसके कुछ मित्र कुछ रिश्तेदार मददगार होगे है इससे घबराना नहीं चाहिए ,,उसे क़ानूनी बचाव का हक़ है जो दिया जाना चाहिए और बहतरीन तार्किक पैरवी और सुबूतों के साथ अपराधी को फांसी जी हाँ कमसेकम फांसी की सज़ा से दंडित करना चाहिए ,,कोटा पुलिस भविष्य में ऐसी घटनाये ना हो इस के लिए सजग और सतर्क रहकर सफेदपोश लोगों पर भी निगरानी रखे मेरे  सूक्ष्म सुझावों पर कोटा पुलिस महानिरीक्षक ने पालनार्थ जो निर्देश जारी किये है उसे लागू करे ,,हेलमेट और दूसरी चौथवसूली से पुलिस बचे ,,फ़र्ज़ी टास्क के नामा पर मुक़दमों में अपना दिमाग और वक़्त बर्बाद करने की जगह प्रत्येक व्यक्ति पर निगरानी रख सही व्यक्ति को टारगेट करे तो भविष्य में अपराधों पर भी अंकुश लगेगा और दोषियों को सज़ा मिलेगी ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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