आपका-अख्तर खान

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30 अक्तूबर 2014

मुझे और यूँ ना तोड़ो ,,

में पहले से ही
टूटा हुआ हूँ
मुझे और यूँ ना तोड़ो ,,
पहले से ही में
बिखरा हुआ हूँ
मुझे और ना तोड़ कर बिखेरो
में टुटा हुआ खिलौना हूँ
मुझ से खेल तो लो
लेकिन अमीरों की तरह से
इस खिलोने को
यूँ बेदर्दी से न तोड़ो ,,
में पहले से ही
टूटा हुआ हूँ
मुझे यूँ बार बार ना तोड़ो ,,,अख्तर

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