नई दिल्ली। भाजपा से जुड़े भारतीय जनता युवा मोर्चा की मोरल पुलिसिंग और उनके द्वारा एक कॉफी शॉप में तोड़फोड़ के खिलाफ केरल के कोच्चि में 2 नवंबर को आयोजित किए जा रहे 'किस डे' को जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। तीन हजार से ज्यादा कपल्स ने मरीन ड्राइव बीच पर होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होकर किस करने पर सहमति जताई है। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी यह अभियान हिट हो गया है। आयोजकों द्वारा 'किस ऑफ लव' नाम से बनाए गए पेज को चंद दिनों के भीतर 31 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। उधर, पुलिस ने इस पर सख्त रुख अपना लिया है और 'किस डे' आयोजन को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि अगर कानून व्यवस्था की समस्या आती है तो इस पर रोक लगाया जाएगा। कोच्चि के डिप्टी कमिश्नर निशांथिनी ने कहा कि हम लोगों को इकट्ठा होने से तो नहीं रोक सकते, लेकिन स्थिति बिगड़ी और ट्रैफिक की समस्या पैदा हुई तो हम लोगों को अरेस्ट करेंगे। इस बीच विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता युवा मोर्चा ने कार्यक्रम में बाधा नहीं डालने की बात कही है।
'किस डे' का आयोजन क्यों?
केरल के कोझिकोड स्थित एक कॉफी शॉप में कुछ दिनों पहले कथित तौर पर अनैतिक काम किए जाने का मामला सामने आया था। एक स्थानीय चैनल ने इस बारे में खबर दिखाई थी। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्यों ने इस कॉफी शॉप में तोड़फोड़ की थी। इसी के विरोध और प्यार को अभिव्यक्त करने की आजादी के लिए 'किस डे' का आयोजन करने का फैसला किया गया है।
कौन कर रहा है आयोजन?
किस डे का आयोजन 'पिंक चड्डी' समूह की केरल इकाई द्वारा किया जा रहा है। गौरतलब है कि पिंक चड्डी समूह तक सुर्खियों में आया था जब मंगलौर के पब में महिलाओं पर हुए हमले के बाद उसने श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुथालिक को गुलाबी रंग के इनर वेयर भेजे थे।
क्या कहना है आयोजकों का?
इस अभियान के आयोजकों का कहना है कि उनका मकसद किसी पार्टी या समूह को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि नैतिकता के आधार पर किसी के भी निजी जीवन में अतिक्रमण को स्वीकार नहीं करने का संदेश देना है। आयोजकों में से एक एस राहुल ने कहा, 'प्यार और स्नेह का अपराधीकरण बहुत बुरी बात है। कॉफी शॉप पर हमला सिर्फ एक संकेत भर है। दुर्भाग्य से यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।'
फेसबुक पर भी आंदोलन
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी 'किस डे' के समर्थन में जबर्दस्त अभियान चलाया जा रहा है और इसके लिए 'किस ऑफ लव' नाम से एक पेज बनाया गया है। शॉर्ट फिल्ममेकर राहुल पसुपालन ने इस अभियान को अपना समर्थन दिया है। इस पेज को अभी तक 31 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। इसे पेज पर लिखा गया है, 'मोरल पुलिसिंग एक आपराधिक गतिविधि है। ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां और धार्मिक संगठन ऐसा करने की कोशिश करते हैं। युवाओं के एक समूह ने साथ आकर यह जताने का फैसला किया है कि किस प्यार का प्रतीक है।'
हर तरफ से समर्थन
बेंगलुरु के कई टेकी इस 'किस डे' में शामिल होने के लिए रविवार को कोच्चि जाने की योजना बना रहे हैं। साथ ही एलजीबीटी समुदाय ने भी इसे अपना समर्थन देने की बात कही है।
केरल के कोझिकोड स्थित एक कॉफी शॉप में कुछ दिनों पहले कथित तौर पर अनैतिक काम किए जाने का मामला सामने आया था। एक स्थानीय चैनल ने इस बारे में खबर दिखाई थी। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्यों ने इस कॉफी शॉप में तोड़फोड़ की थी। इसी के विरोध और प्यार को अभिव्यक्त करने की आजादी के लिए 'किस डे' का आयोजन करने का फैसला किया गया है।
कौन कर रहा है आयोजन?
किस डे का आयोजन 'पिंक चड्डी' समूह की केरल इकाई द्वारा किया जा रहा है। गौरतलब है कि पिंक चड्डी समूह तक सुर्खियों में आया था जब मंगलौर के पब में महिलाओं पर हुए हमले के बाद उसने श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुथालिक को गुलाबी रंग के इनर वेयर भेजे थे।
क्या कहना है आयोजकों का?
इस अभियान के आयोजकों का कहना है कि उनका मकसद किसी पार्टी या समूह को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि नैतिकता के आधार पर किसी के भी निजी जीवन में अतिक्रमण को स्वीकार नहीं करने का संदेश देना है। आयोजकों में से एक एस राहुल ने कहा, 'प्यार और स्नेह का अपराधीकरण बहुत बुरी बात है। कॉफी शॉप पर हमला सिर्फ एक संकेत भर है। दुर्भाग्य से यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।'
फेसबुक पर भी आंदोलन
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी 'किस डे' के समर्थन में जबर्दस्त अभियान चलाया जा रहा है और इसके लिए 'किस ऑफ लव' नाम से एक पेज बनाया गया है। शॉर्ट फिल्ममेकर राहुल पसुपालन ने इस अभियान को अपना समर्थन दिया है। इस पेज को अभी तक 31 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। इसे पेज पर लिखा गया है, 'मोरल पुलिसिंग एक आपराधिक गतिविधि है। ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां और धार्मिक संगठन ऐसा करने की कोशिश करते हैं। युवाओं के एक समूह ने साथ आकर यह जताने का फैसला किया है कि किस प्यार का प्रतीक है।'
हर तरफ से समर्थन
बेंगलुरु के कई टेकी इस 'किस डे' में शामिल होने के लिए रविवार को कोच्चि जाने की योजना बना रहे हैं। साथ ही एलजीबीटी समुदाय ने भी इसे अपना समर्थन देने की बात कही है।
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