पानीपत. विधानसभा चुनाव लड़े बिना भी दूसरों का खेल बिगाड़ने की
कोशिश में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) ने जिन 11 सीटों को हिट लिस्ट में रखा
है, उनमें से 4 पर नतीजे प्रभावित कर सकती है। ये वो सीटें हैं, जिनमें आप
को लोकसभा चुनाव में जितने वोट मिले, उनका जोड़ 2009 विधानसभा चुनाव में उस
सीट के जीत के अंतर से ज्यादा है। इनमें सिरसा, असंध, दादरी और गुड़गांव
हलके शामिल हैं। लोकसभा में "आप' को वोट देने वाले अब पार्टी नेताओं का
कितना कहना मानेंगे, नतीजे उस पर निर्भर करेंगे।
खुद दो धाराओं में बंटी आप
पार्टी के नरम चेहरे योगेंद्र यादव और प्रदेश समन्वयक डॉ. आशावंत ने
बुधवार को जहां चंडीगढ़ में विभिन्न दलों के 11 दागी प्रत्याशियों की लिस्ट
जारी कर उनके खिलाफ प्रचार का ऐलान किया, वहीं पार्टी के गरम तेवर वाले
नवीन जयहिंद कहते हैं कि पार्टी लीडरशिप ने प्रदेश में न तो कोई आंदोलन
खड़ा किया और न संगठन। ऐसे में लोग साथ क्यों देंगे?
नरम दल वाले गरम
मारे पास समय कम है, सभी सीटों पर जाना संभव नहीं। फिर भी हमारी कोशिश
है कि उन सीटों पर जाकर प्रचार करें, जहां पार्टियों ने दागी प्रत्याशी
उतारे हैं। यह कार्यक्रम प्रदेश इकाई का है, लिहाजा प्रचार में केंद्रीय
इकाई से कोई नेता नहीं आएगा। मतदाताओं से अपील की जाएगी कि एेसे
प्रत्याशियों को वोट न दें, जिनके खिलाफ संगीन मामले हैं। -डॉ. आशावंत, प्रदेश समन्वयक, "आप'
गरम दल वाले ठंडे
में लगता है कि प्रदेश की जनता अभी व्यवस्था में बदलाव को तैयार नहीं।
बल्कि उसे भ्रष्टाचार, गुलामी व परिवारों की जय करने में मजा आ रहा है।
लोगों को ‘आप’ से ज्यादा उम्मीदें नहीं, लोकसभा चुनाव में दिख चुका है।
पार्टी ने दिल्ली में लोगों के लिए आंदोलन खड़ा किया और दिल में जगह बनाई। -नवीन जयहिंद, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
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