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07 सितंबर 2014

कश्मीर में तबाही के सात दिन: बाढ़ में तीन मंत्री लापता, घर डूबे तो छतों पर बैठे लोग

(झेलम का पानी श्रीनगर में घुस चुका है। रविवार को सचिवालय के बाहर ये हाल था।)
 
जम्मू/श्रीनगर/जालंधर. जम्मू-कश्मीर में बाढ़ को सात दिन हो गए हैं। कहीं कोई राहत नहीं। झेलम नदी का पानी राजधानी श्रीनगर में घुस चुका है। सड़कें डूब चुकी हैं। घरों में 5 से 8 फीट तक पानी भरा है। जिंदगी बचाने के लिए लोगों ने छतों का सहारा ले रखा है। दक्षिण कश्मीर में फंसे राज्य के तीन मंत्रियों का कोई अता-पता नहीं है। सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा-धैर्य रखें। सेना आप तक पहुंचेगी।
 
पीएम नरेंद्र मोदी हालात का जायजा लेने जम्मू-कश्मीर पहुंचे। उन्होंने बाढ़ को राष्ट्रीय स्तर की आपदा बताया। साथ ही भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में पूरा देश आपके साथ खड़ा है। मोदी ने राज्य के लिए 1,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मदद का एलान किया। उन्होंने कहा, "50 साल में ऐसी मुसीबत नहीं देखी। हम राज्य के लोगों की पूरी मदद करेंगे।' पाक अधिकृत कश्मीर भी बाढ़ में फंसा है। मोदी ने कहा, "मानवता के नाते अगर पाकिस्तान चाहे तो हम दूसरी तरफ के लोगों के लिए भी मदद भेजने को तैयार हैं।' लेकिन, पाकिस्तान ने पेशकश ठुकरा दी। पाक सरकार की ओर से कहा गया कि हम सक्षम हैं। भारत चाहे तो हम उसकी मदद कर सकते हैं।
-हर तरफ दर्द और दहशत...
 
जम्मू से कश्मीर तक। हर तरफ पानी मौत बनकर बह रहा है। घर डूब चुके हैं। छतों पर जिंदगी से संघर्ष चल रहा है। 
 
1. श्रीनगर में रहने वाले जावेद को सुबह फोन लगाया। बाढ़ के बारे में पूछा तो वह रोने लगा। उसने बताया, "वह जम्मू में है और परिवार श्रीनगर में। अम्मी-अब्बू, भाई-भाभी, बहन और छह माह की बेटी सुबह छह बजे से छत पर बैठे हैं। पानी दूसरी मंजिल तक आ पहुंचा है। कोई मदद नहीं पहुंच पा रही है। प्लीज, कुछ करो। बचा लो उन्हें। रेस्क्यू टीम बेबस हो चुकी है।' जब पुलिस अधिकारी फारूख अहमद को फोन कहा कि करननगर के कमल मस्जिद के पास मुश्ताक हाउस में एक परिवार फंसा है। रेस्क्यू के लिए प्लीज कुछ करिए, तो उनका जवाब था- किस-किस को बचाएं? कैसे बचाएं? झेलम का बांध टूट चुका है। पूरा शहर दरिया बन चुका है। हजारों की तादाद में लोग छतों पर बैठै हैं। नाले का पानी पी रहे। पानी इतना है कि लोगों तक पहुंच भी नहीं पा रहे। लाल चौक पर 8 फीट ऊंचा पानी है। इंदिरानगर और सोनावर जैसे मुहल्ले पानी में डूब चुके हैं। बिजली जा चुकी है। शहर के ऐसे हालात हैं तो सोचो गांव में क्या हाल होंगे? पता नहीं कितने मरे हैं वहां। सब पानी उतरने की दुआ कर रहे। फिर पता चलेगा जन्नत कितनी बची। दोजख तो नहीं बन गई?
 
2. दो दिन तक 4 फीट पानी में डूबे रहे, तब जाकर बची जान

जम्मू के सूड़े चक्क के ब्रह्म कुमार ने बताया- सोकर उठे तो देखा पानी घर में घुस रहा है। बिस्तर-पलंग डूबने लगे। देखते ही देखते घर में 4 फीट तक पानी भर गया। इतना भी वक्त नहीं मिला कि खाने-पीने का कुछ सामान बचा पाते। पकाने के लिए कुछ नहीं इसलिए दो दिन से कुछ खाया नहीं है। दो दिन तक 4 फीट पानी में डूबे रहे। बाद में कहीं जाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे।
 
3.पानी घुसते ही पत्नी को लेकर बाहर भागा और मकान ढह गया  

गुज्जर बस्ती के मोहम्मद फारुक मलिक का पूरा मकान पानी में बह गया। पत्नी जाहिदा और वे दो दिन से मलबे पर ही सो रहे हैं। मलिक ने बताया कि शनिवार सुबह चार बजे का समय था। तभी पानी घर में घुसने लगा। बहाव इतना तेज था कि कुछ ही मिनटों में पानी पूरे मकान में फैल गया। झटके से पत्नी को लेकर बाहर की तरफ भागे। जैसे ही घर से निकले, पूरा मकान बह गया।
 
4. आतंकवाद से तो बच गया, लेकिन बाढ़ से नहीं बच पाया 

अनंतनाग में रहने वाले नजीर अहमद आतंकियों से बचकर कुछ समय पहले पत्नी जरीना, बच्चों के साथ जम्मू के बेली चराना आ गए थे। लेकिन इस बाढ़ ने सब तबाह कर दिया। इस बस्ती में अधिकतर विस्थापित लोग रहते हैं। अधिकांश डोडा के आतंकवाद का सामना कर चुके लोग हैं। जैसे-तैसे उस दर्द को भुलाकर जिंदगी को फिर से शुरू किया। लेकिन बाढ़ ने एक बार फिर बेघर कर दिया।
 
और इधर पंजाब में... 
 
फगवाड़ा में दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत
 
बसंत नगर इलाके में रविवार शाम बारिश के कारण एक घर की दीवार गिर गई। इससे आंगन में खेल रहे दो बच्चों की मौत हो गई। दोनों भाई-भाई थे। इनकी पहचान 7 साल के अमन और 6 साल के ननियां पुत्र अवतार सिंह के रूप में हुई है।
 
घाटी में हालात बिगड़ते देख कई ट्रेनें रद्द कीं
 
जालंधर. जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के चलते रेलवे ने वहां जाने वाली कई ट्रेनें रद्द कीं। उत्तर संपर्क क्रांति ऊधमपुर से जम्मूतवी के बीच नहीं चलेगी। दिल्ली-ऊधमपुर मेल भी जम्मूतवी से ऊधमपुर के बीच नहीं चलेगी। जन्मभूमि एक्सप्रेस भी रद्द रहेगी।
 
बारिश से फसल बर्बाद, किसान ने खुदकुशी की
 
मानसा. दस लाख रुपए के कर्ज का बोझ और उस पर बारिश के कारण कपास की फसल बर्बाद होने पर किसान ने खुदकुशी कर ली। गांव चहलांवाली के किसान रूप सिंह (62) ट्रेन के आगे कूदे। मौके पर ही उनकी जान चली गई।

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