छत्तीसगढ़
उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाली एक महिला वकील ने यौन उत्पीड़न
मामले में न्याय नहीं मिल पाने का आरोप लगाते हुए 22 सितंबर को सुप्रीम
कोर्ट परिसर में फिनाइल पीकर आत्महत्या का प्रयास किया.
दैनिक भास्कर ने खबर दी है कि बदहवासी की
हालत में मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढा की अदालत में पहुंची इस महिला वकील ने
खंडपीठ को बताया कि उसे यौन उत्पीड़न मामले में न्याय नहीं मिल पा रहा है,
इसलिए उसने न्यायालय परिसर में ही फिनाईल पी ली है.
महिला ने बताया कि उसके साथ नवंबर 2013 में
उसके ही जेठ, देवर और अन्य दो लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था, जिसकी
शिकायत उसने अदालत को पत्र लिखकर की है लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पाया है.
अफरातफरी के बीच चीफ जस्टिस ने उसे डिस्पेंसरी ले जाने का निर्देश दिया तथा
मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे 23 सितंबर की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध
करने का सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को निर्देश दिया।
डिस्पेंसरी में प्राथमिक उपचार के बाद महिला वकील को राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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