दोस्तों ऑपरेशन यानी एक खौफ ,,एक डर ,,एक तनाव
,,,,अकेले ऑपरेशन करवाने वाले को नहीं ,,,सभी परिजनों को ,तनाव और खौफ
,,,लेकिन इस खतरनाक ,,इस खौफनाक अलफ़ाज़ ऑपरेशन को ,,,सद्भाव ,,कुशल
चिकित्सा शैली ,,और मृदुल स्वभाव ,,अपनी दक्षता और टीम भाव से कोटा के
विख्यात सुवि नेत्र चिकित्सालय के मालिक डॉक्टर सुरेश कुमार पांडे ने सहज
,,कामयाब और खुशगवार बना दिया है ,,आँखों की बीमारी के इलाज के जादूगर कहे
जाने वाले डॉक्टर सुरेश कुमार पांडे ने यह कमाल खूबकर दिखाया है ,,,,मेरी
शरीके हयात को दो वर्षों से मोतियाबिंद
की शिकायत थी चेहरे पर मोटा चश्मा और इस पर बच्चों की पढ़ाई ,,किताबे
,,कॉपियां उनके लिए सरदर्द थी लेकिन आँखों के ऑपरेशन के नाम से वोह डरी
,,सहमी थी ,,ऑपरेशन के नाम मात्र से वोह सिहर जाती थी ,,अनेकों बार मेने
मेरी शरीके हयात को हिम्मत दिलाई लेकिन बेकार ,,,आँखों से दिखना बहुत कम
हुआ ,,चश्मे के नम्बर भी खत्म हो गए लेकिन ऑपरेशन का डर इस क़दर के मेरे
साले भय्यू भाई ,,साली साहिबा और मेरी शरीके हयात किसी भी सूरत में ऑपरेशन
करवाने को तैयार नहीं ,,,एक दिन ,,डॉक्टर सुरेश कुमार पांडे से ऑपरेशन
कराकर आई एक महिला का उनसे सम्पर्क हुआ उनके तारीफे ,,उनके व्यवहार ,,और
कार्यशैली से प्रभावित होकर मुझे होम मिनिस्ट्री से हुक्म हुआ ,,,अगर तुम
मेरी आँखों का ऑपरेशन कराना चाहते हो तो सिर्फ और सिर्फ सुवि वालों के यहां
ही होगा ,,खेर हुक्म की गुलामी करना हमारी आदत है सो हम डॉक्टर पांडे सर
के दरबार में गए ,,अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रिय ख्याति तो सभी को पता थी
,,लेकिन हॉस्पिटल का सेट आप ,,इलाज करने का तरीका ,,मन में फीस वसूलते
वक़्त दया भाव ,,,, असाध्य बीमारी के इलाज का हुनर देख कर में भी अवाक था
,,, पहले मेरे बढ़े भ्राता विख्यात साहित्यकार , कुशल राजस्थान सेवा में
प्रशासनिक अधिकारी अम्बिका दत्त चतुर्वेदी की शरीके हयात का भी ऑपरेशन हो
चूका था ,,मेरी शरीके हयात की हिम्मत बढ़ी और आज का दिन ऑपरेशन के लिए
मुक़र्रर हुआ ,,,,दोपहर सुवि अस्पताल में पहुंचे ,,,,जांच पड़ताल शुरू हुई
,,,देखा वहां अलीगढ़ से दिल्ली सहित पुरे हिंदुस्तान के प्रमुख चिकितसकों के
यहां खाक छानकर एक दम्पत्ति आये थे उनकी चार साल की गुनगुन और दो माह की
बच्ची दोनों की आँख में मोतियाबिंद ,,उन्हें उम्मीद थी के सिर्फ और सिर्फ
सुवि अस्पताल के डॉक्टर सुरेश पांडे उनके लिए रामबांड ओषधि देकर रहेंगे
,,क़ुदरत का करिश्मा ही कहेंगे के डॉक्टर सुरेश पांडे ने इस दम्पत्ति के दो
मासूमो का कामयाब ऑपरेशन क्या और इनकी लाइलाज बीमारी से इन्हे मुक्त कर
दिया ,,वोह खुश थे ,,,,मेरी शरीके हयात का होसला बढ़ा और ऑपरेशन थेटर में
,,में भी डॉक्टर सुरेश पांडे के साथ मौजूद रहा ,,,बातों ही बातों में
,,बहतरीन अखलाक़ के साथ ,,,,बहतरीन मशीनो और औज़ारों से डॉक्टर सुरेश ने कुछः
ही मिनटों में मेरी शरीके हयात की तकलीफ दूर कर दिखाई ,,उन्हें उठाया
,बिठाया ,,सारा जाल ,,मोतियाबिंद गायब और सब कुछ साफ़ नज़र आने लगा ,,इस
चमत्कार को देख कर मेरी शरीके हयात खुश थी ,,वोह बिना तकलीफ के ऑपरेशन की
उम्मीद नहीं कर सकती थी लेकिन इस चमत्कार को देख कर ,,वोह हतप्रभ सी
डॉक्टर सर को दुआएं देती हुई निकल पढ़ी ,,तो दोस्तों कोई काम नहीं है
मुश्किल जब किया इरादा पक्का ,,,,,,,,,डॉक्टर सुरेश पांडे का लक्ष्य था के
वोह आँखों की चिकित्सा कार्य को अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बनाएंगे और
इन्होने पाकिस्तान के करांची से लेकर ,,लंदन ,,ब्रिटेन के लोगों के साथ
अपना हुनर शेयर किया ,,उनकी दुःख तकलीफ दूर की और उनकी आँखों की रौशनी फिर
से चकाचोंध वाली करके उनसे दुआए ली ,,,,,,डॉक्टर सुरेश पांडे की शिफ़ा बनी
,,रहे खुदा उनके हाथो के हुनर से सभी लाइलाज आँखों की बीमारिया दूर करे इसी
दुआओं के साथ ,, इस दौरान कोटा कांग्रेस के आबिद कागज़ी और समाजसेवक बाबा
रज़ाक भी मौजूद रहे ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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