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23 सितंबर 2014

इंजेक्शन लगाकर जिस्मफरोशी में धकेला, छह साल बाद आजाद हुई लड़की ने सुनाई आपबीती

पुलिस गिरफ्त में आरोपी महिला सोनिया।

मक्सी/इंदौर. साल 2008 में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के मक्सी कस्बे में दशहरा उत्सव देखने गए कालबेलिया समाज के चार बच्चों के अपहरण के मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इन बच्चों में तीन लड़कियां और एक लड़का शामिल था। अपहर्ताओं ने अपहरण की गई तीनों लड़कियों को वेश्यावृत्ति में धकेल दिया था। इनमें से बचकर आई एक लड़की शीला (परिवर्तित नाम) ने बताया कि उसे इंजेक्शन लगाकर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया गया था। 
 
 
शीला से सोनिया नाम की महिला जिस्मफरोशी करवाती थी। मौका पाते ही 18 सितंबर को शीला सोनिया के चंगुल से छूटकर घर पहुंची और परिजनों को उसके साथ हुए घटनाक्रम के बारे में बताया। तीन-चार दिन तक घर में ही छुप कर रहने के बाद लड़की परिजन के साथ 21 सितंबर को पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने आपबीती सुनकर 22 सितंबर को शिवपुरी जिले के बेड़िया गांव में छापा मारा और वहां से आरोपी बेड़िया जाति की महिला सोनिया सुरेंद्र सिंह बेड़िया को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद महिला को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे एक दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है। पुलिस का दावा है कि मामले में और कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। 
 
रावण वध देखने गए बच्चों का अपहरण
मक्सी के रहने वाले दो कालबेलिया परिवारों के 4 बच्चों का 6 साल पहले 2008 में तब अपहरण कर लिया गया जब वे दशहरा उत्सव पर रावण वध कार्यक्रम देखने गए थे। इन बच्चों के परिजनों का कहना है कि उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 6 साल बाद अपहृत बच्चों में से एक शीला अपने घर मक्सी लौट आई। 
 
जवान दिखने के लिए लगाए इंजेक्शन 
लौटकर घर आई शीला के मुताबिक अपहरण के एक साल तक उसे गांव में रखा। इसके बाद उसे मुंबई काम कराने के बहाने बार में भेजा गया। यहां उसे वेश्यावृत्ति में धकेल दिया। दो साल तक मुंबई में वेश्यावृत्ति कराने के बाद युवती को सोनिया फिर अपने गांव ले आई। यहां भी उसने उसे यातनाएं देकर वेश्यावृत्ति कराई। युवती ने बताया कि मुंबई भेजने के दौरान उसके साथ ही अन्य लड़कियों को जल्द जवान दिखाई देने के लिए इंजेक्शन भी लगाए जाते थे। यदि इंजेक्शन लगवाने से मना करते तो वो लोग बुरी तरह से मारपीट करते थे। शीला ने बताया कि इंजेक्शन और दवाइयों का असर उन पर दिखने लगा और वे अपनी उम्र से ज्यादा बड़े दिखाई देने लगीं।
 
गरम लोहे से दागा
जब अपहरण की शिकार शीला को काम के बहाने मुबंई ले जाया गया तो वहां पता चला कि यहां उन्हें गलत काम के लिए लाया गया है। मुंबई में बार में लोग शराब के नशे में उनसे हरकतें करते थे। उनकी बात नहीं मानने पर वे उन्हें मारते भी थे। शीला ने जब उनकी बात नहीं मानी तो उसके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया गया। शरीर को गरम चिमटे और सरिए से दागा जाता। डंडे से पीटा जाता, उसके सिर पर चोंट के कई निशान मौजूद हैं। अंतत: थक हार कर उसने उनकी बात मान ली। उसे 11 साल की उम्र में सोनिया ने वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया। वे शीला को कभी गोवा तो कभी जयपुर भेजते थे। मुंबई में दो साल तक देह व्यापार करवाने के बाद सोनिया उसे गांव ले आई। यहां भी वह शीला से देह व्यापार करवाती रही। युवती ने बताया सोनिया उसे 50-50 रुपए में लोगों को बेचती थी।

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