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23 सितंबर 2014

भला मुस्कराता कौन है

आज कल दुनिया में भला मुस्कराता कौन है
ज़िंदगी की इस दौड़ में हंसता हंसाता कौन है
तारों को ताकते गुज़र जाती हो रात जिनकी,
उनको क्या पता कि ख्वाबों में आता कौन है....

सबके दिल में होती है मुस्कराने की चाहत,
पर उनके होठों से हंसी आखिर चुराता कौन है
इस पेट कि खातिर भागती दौड़ती है दुनिया,
अब हंसने के लिये भला वक़्त बचाता कौन है

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