आपका-अख्तर खान

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22 सितंबर 2014

वो कैसा

वो कैसा दर्द भरा था उसकी आंखों में
जो मेरी आंखों में आके बह गया तन्हा

कहीं पे खोयी सी रहती थी वो उदासी में
रू ब रू उसके मैं आईना बन गया तन्हा

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