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हाँ ..में हिंदी यानी भारत माता की राष्ट्र भाषा हूँ .....में संविधान की
अनुसूची में शामिल हूँ .मुझे बोलना ..मुझे लिखना .मेरे साहित्य का प्रकाशन
करना ..मेरे शब्दों में देश के सभी कानून कायदे प्रकाशित करना देश की सरकार
की संवेधानिक ज़िम्मेदारी है .....आज़ादी से आज तक मुझे देश भर में लागू
करवाने के लियें अरबों नहीं अरबों नहीं खरबों रूपये खर्च किये जा चुके हैं
...............लेकिन अफ़सोस में सिर्फ और सिर्फ
सितम्बर महीने की १४ तारीख की एक यादगार बन गयी हूँ .मेरी भाषा में चलने
वाले स्कूलों को सभी शिक्षाबोर्ड खासकर केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड में
उपेक्षित रखा गया है . विदेशी भाषा में गिटपिट करने वाले लोगों के बीच में
अगर में फंस जाऊं तो मेरा ही नाम लेकर मेरी खिल्ली उडाई जाती है लोगों का
उपहास और मजाक उढ़ाने पर मेरा नाम लेकर कहावत बनाई गयी है ..दोस्तों आपको
तो सब पता है आप से क्या छुपाऊं जब किसी का मजाक उढ़ाया जाता है तो साफ तोर
पर कहा जाता है के इसकी हिंदी हो गयी है .मेरे दुःख दर्द को न तो मेरे
प्रधानमन्त्री ने समझा ना मेरे देश के राष्ट्रपति ने और नहीं सांसद विधायक
मेरी तकलीफ समझ पाए हैं जनता का क्या कहें महाराष्ट्र में मुझे उपेक्षित
किया है दक्षिण में अगर मुझे बोला जाये तो कोई बात नहीं करता बेल्लारी में
अगर मुझे लागू करने की बात की जाए तो दंगे फसादात किये जाकर कत्ले आम हो
जाते हैं .संविधान के रक्षकों की सांसदों वकीलों और जजों की बात करें तो
वहां तो मेरा कोई वुजूद ही नहीं है ....मेरे देश मेरे भारत महान में सवा
करोड़ लोग हैं और यकीन मानिये तीस करोड़ भी मुझे ठीक से बोलने और लिखने का
दावा नहीं कर सकते हैं मेरा इस्तेमाल अगर केवल तीस करोड़ लोग करते हैं तो
फिर में केसी राष्ट्रिय भाषा मेने देखा अल्पसंख्यक कल्याण के नाम पर देश
में कथित योजनायें बनाकर अल्पसंख्यकों का जेसे शोषण हो रहा है धर्मनिरपेक्ष
राष्ट्र का देश में जेसे ढिंढोरा पीट कर मनमानी की जा रही है गरीबी
उन्मूलन का नारा देकर गरीबों पर जो अत्याचार क्या जा रहा है बस उसी तरह से
देश में मेरे नाम पर राजनीति की जा रही है .अफ़सोस तो मुझे इस बात पर है के
संसद में ५४४ सांसद और २७२ राज्यसभा सदस्यों में से गिनती के लोग हैं जो
मुझे समझते हैं .सांसद में भाषण होता है तो अंग्रेजी में मशीने कन्वर्टर
लगी हैं आम आदमी से हिंदी इस्तेमाल की बात की जाती है विधान में सातवीं
अनुसूची की भाषा बना कर मेरा उपयोग आवश्यक किया जाता है लेकिन सांसद में न
तो मेरी भाषा में शपथ ली जाती है और ना ही लिखा पढ़ी बात चीत की जाती है
..जितने भी लोग मेरे प्रचारक हैं सभी के बच्चे पैदा होते ही विदेशी भाषा
अंग्रेजी के स्कूलों में पढने जाते हैं मेरी भाषा में चल रहे स्कुल बंद हों
इसके लियें देश के सभी कोर्स की किताबें मेरी भाषा में छपवाना बंद कर दी
गयीं है चाहे डॉक्टरी हो चाहे इंजीनियरिंग चाहे वैज्ञानिक हो चाहे कानून की
पढाई..चाहे प्रबंधन की पढाई हो सभी तो विदेशी भाषा अंग्रेजी और अंग्रेजी
में है फिर मुझे कोन और क्यूँ पसंद करेगा जब मुझे सांसद में बोलने के लियें
पाबन्द नहीं किया जाता ..जब मुझे अदालतों में बोलने और लिखने के लियें
पाबन्द नहीं किया जाता जब मुझे आधे से भी कम राज्यों और जिलों में बोला
जाता है जब मेरे वित्तमंत्री ..कानून मंत्री ..मेरे देश को चलाने वाली
सोनिया गाँधी मुझे नहीं समझती मुझे नहीं जानतीं मेरे देश के कोंग्रेस भाजपा
या दुसरे कोई भी दल हो उनकी कार्यालय भाषा विदेशी अंग्रेजी है तो भाइयो
क्यूँ मुझे हर साल यह दिवस बनाकर अपमानित करते हो या यूँ कहिये के कियूं
मेरी हिंदी की और हिंदी करते हो ......अगर तुम्हे मुझसे प्यार हिया
....मुझे तुम इमानदारी से देश में लागू करना चाहते हो तो सबसे पहले देश में
एक कानून हो जिसमें किसी भी चुनाव लड़ने वाले के लियें हिंदी जानना आवश्यक
रखा जाए सभी प्रकार के चुनाव चाहे वोह लोकसभा हों .चाहे राज्यसभा ..चाहे
विधानसभा चाहे पंच सरपंच चाहे पालिका चाहे कोलेज स्कूलों के चुनाव हों सभी
के आवेदन पत्र हिंदी में हों और प्रत्याक्षी के द्वारा स्वयंम भरकर देना
आवश्यक किया जाए सांसद और राज्यसभा .विधानसभाओं की भाषा केवल हिंदी हो और
सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों की भाषा हिंदी की हो ....देश में
केंद्र और राज्य सरकार से सम्बंधित विभागों में हिंदी का ही चलन हो और सभी
कर्मचारियों अधिकारीयों के लियें पाबंदी हो के वोह हिंदी के जानकर होंगे
सभी प्रतियोगी परीक्षाएं हिंदी भाषा में ही ली जाएँ तब कहीं में थोड़ी बहुत
जी सकूंगी वरना मुझे सिसका सिसका कर राजनीती का शिकार न बनाओ यारों ॥ मेरे
देश के नोजवानों .मेरे देश के नेताओं ..मेरे देश के अन्ना ..मेरे देश के
अन्ना समर्थकों ...मेरे देश के कथित राष्ट्रवादी लोगों .पार्टियों क्या तुम
ऐसा कर सकोगे नहीं ना इसिलियिएन में कहती हूँ के मुझे बख्शो मुझे मेरे हाल
पर छोड़ दो मेरे नाम पर हर साल करोड़ों रूपये बर्बाद कर गरीबों का गला मत
काटो .......या तो मुझे इमादारी से लागू करो वरना दोहरा चरित्र निभाने
वालों तुम चुल्लू भर पानी में ड़ूब मरो ....जय हिंदी .......जय भारत
.......हम हिंदी है हिंदुस्तान हमारा क्योंकि सारे जहाँ से अच्छा
हिन्दुस्तान हमारा और सारे जहां से चोर बेईमान दगाबाज़ नेता हमारा
.....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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