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23 सितंबर 2014

कोटा की सड़कों पर

कोटा की सड़कों पर चेन तोड़ने ,,स्मेक बेचने ,,अपराध करने वाले लोगों पर तो पुलिस का बस नहीं ,,,,लेकिन आज कोटा में ट्रेफिक पुलिस ने हेलमेट जांच के नाम पर दुपहिया वाहन चालकों पर खूब कहर बरपाया है ,,,जी हाँ दोस्तों ,,कोटा में अपराध की घटनाये और बढ़े ट्रक ट्रोलों से आम आदमी के कुचलने की घटनाये आम है ,,,पुलिस का अपराधियों पर तो बस नहीं चल सका ,,पुलिस ट्रक और ट्रोलों ,,ट्रेक्टर ट्रॉलियों ,,बिना परमिट के चल रहे अवैध वाहनो ,,स्टेज कैरिज ,,कोन्गटेक्ट कैरिज की शर्तों का उलंग्घन करने वाले बस मालिको को तो यातायात पुलिस नहीं रोक पायी ,,ओवर लोड वाहनो के खिलाफ पुलिस की कोई कार्यवाही नहीं ,,बढ़े वाहन कार चालकों के खिलाफ सीट बेल्ट का क़ानून ,,काले शीशे का क़ानून नहीं ,,,,ट्रेफिक पुलिस की हद देखिये के निजी गाड़ियों पर लाल पट्टी लगी है , गाड़ियों पर अवैध रूप से नीली लाल बत्तियां लगी है ,,,मिनी बस ,,टेम्पो ,,मैजिक ,,ऑटो चालकों ,,क्लीनरों का ठहराव स्थल तय नहं ,,उनकी यूनिफॉर्म लागू नहीं ,,वाहनों पर किराया सूचि अंकित नहीं ,,टिकिटों की व्यवस्था नहीं ,,बस मासिक बंधी यानी चौथ वसूली जेब में रखो और इन्हे छोड़ दो ,,,दुर्घटनांय हो ,,लूट हो बस छोटे दुपहिया वाहनो पर पुलिस का कहर है ,,,,आज शहर के सभी छोटे बढ़े चौराहों पर पुलिस ने खूब दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट के नाम पर सताया ,,गलियों के नुक्कड़ों पर भी चालकों को परेशानियां हुई ,,,कांग्रेस के राज में यह होता था तो लोग कहते थे कांग्रेस तो पुलिस अधिकारीयों की गुलाम है ,,लेकिन भाजपा के शासन में जब जब यह पक्षपात ,,यह ज़ुल्म हुआ है ,,,भवानी सिंह राजावत हो ,,,,चाहे ओम बिरला हो ,,चाहे प्रह्लाद गुज्नल हो उन्होंने इस मनमानी इस अत्याचार के खिलाफ जनता का साथ दिया है ,,,हालात यहां तक थे के भवानी सिंह इस अभियान के खिलाफ बिना हलेमेट के स्कूटर चलाकर निकले और उन्होंने प्रतीकात्मक विरोध किया ,,लेकिन आज की पकड़ा धकड़ी ,,,मनमानी ,,अनावश्यक जांच पड़ताल के बाद आम जनता के मुंह से भाजपा के नेताओं की इस मामले में चुप्पी को लेकर खुली टिपणी है के सभी एक ही थैली के चट्टे बट्टे है ,,,यातायात पुलिस जवानो के तो हेलमेट जांच और जुर्माना वसूली के नाम पर बल्ले बल्ले हो गयी ,,लेकिन आम आदमी बेचारा लूटा ,,पिटा ,,ठगा सा टुकुर टुकुर शासन की नाकामयाबी देख रहा है और मन ही मन आगामी चुनावो में सरकार को निपटाने का संकल्प ले रहा है ,,,यह भी सुनने में आया है के मुख्यमंत्री की यात्रा के पहले यह तमाशा जनता पर दबाव बनाने के लिए है जबकि कांग्रेस के शासन में लगे अधिकारीयों द्वारा इन हरकतों से जनता को सत्ता पक्ष भाजपा से दूर करने की योजना है जबकि अच्छी दिनों के मटियामेट नारे से तंग आम आदमी भाजपा के स्थान पर नगर निगम कोटा चुनाव में कांग्रेस को फिर वोट देकर जिताये ,,, ताकि जनता के गुस्से से कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर के कारन मज़बूत और भाजपा कमज़ोर हो सके ,,यही कड़वा और नंगा सच है ,,,,,,,,,,,अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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