इलाहाबाद
उच्च न्यायालय की सिफारिश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक स्थल पर
अशोभनीय व्यवहार के दोषी 11 प्रशिक्षु जजों को बर्खास्त कर दिया है। खबरों
के अनुसार 20 सितंबर की रात, प्रशिक्षु जजों की बर्खास्तगी का निर्णय लिया
गया और बाद में राज्य नियुक्ति विभाग ने इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिया.
गत 11 सितम्बर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने 11 प्रशिक्षु जजों की बर्खास्तगी
की संस्तुति की थी. ये जज राज्य न्यायिक सेवा 2012 परीक्षा के तहत चुने गए
थे. जजों पर आरोप था कि इन्होंने अपनी महिला प्रशिक्षु जज साथी के साथ
अमर्यादित आचरण किया और बाद में सार्वजनिक स्थल पर हंगामा किया. पीडित
महिला जज ने इसकी शिकायत की थी.
पीडित महिला प्रशिक्षु जज की शिकायत को
संज्ञान में लेते हुए उच्च न्यायालय द्वारा गठित जजों की एक उच्च स्तरीय
कमेटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट प्रशासनिक पैनल को सौंप दी थी. खबरों के
अनुसार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी वी चन्द्रचूड़ समेत नौ वरिष्ठ
जजों की कमेटी ने घटना की सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद 20 जजों की
बर्खास्तगी की संस्तुति की थी.
पीडित महिला प्रशिक्षु के अनुसार, सात सितम्बर को लखनऊ स्थित न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान ( Judicial Training & Research Institute -JTRI) में प्रशिक्षण पूरा करने की पूर्व संध्या पर साथी जजों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया था.
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