मृतका सीमा की बेटी प्रीति घर में जले सामान को देखकर रोती हुई।
पानीपत. शहर के सनौली रोड स्थित कश्यप कॉलोनी में एक कथित
प्रेमी ने 27 साल की महिला और उसके 10 साल के बेटे को जलाकर मार डाला।
आरोपी पप्पू (32 साल) ने दोनों को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। फिर उसने खुद
भी आत्मदाह की कोशिश की। आग की चपेट में घर भी आ गया और सामान जल गए।
महिला की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, बच्चे ने पीजीआई के रास्ते में दम तोड़ दिया। प्रेमी को भी पीजीआई, रोहतक रेफर किया गया है। वारदात शनिवार दोपहर बाद 2 बजे की है। कश्यप कॉलोनी में धर्मवीर पत्नी सीमा सिंह, 12 वर्षीय बेटी प्रीति और बेटा विशाल उर्फ बीरू के साथ रहता था। वारदात के समय धर्मवीर सिंह फैक्टरी में था।
हरिद्वार जाने से मना किया तो तेल छिड़क लगाई आग
धधकती आग के बीच मां और भाई की मौत के मंजर को 12 वर्षीय प्रीति ने
अपनी आंखों से देखा। अकसर उनके घर आने वाले 32 वर्षीय ट्रक चालक पप्पू ने
उसकी मां सीमा से हरिद्वार चलने की जिद की। उसके हाथ में तेल से भरी कैन
थी। सीमा ने जाने इनकार किया तो कहासुनी बढ़ी और पप्पू ने उसकी मां, भाई और
खुद पर तेल छिड़कर घर में आग लगा दी। प्रीति मुश्किल से खुद को बचाकर बाहर
भागी और शोर मचाया।
पड़ोसियों ने आग से सभी को बाहर तो निकाला, लेकिन महिला सीमा की मौके पर, 10 वर्षीय बच्चे विशाल की पीजीआई ले जाते समय मौत हो गई। आरोपी पप्पू भी गंभीर हालत में पीजीआई रेफर किया है।
इकट्ठे बैठकर खाया खाना
सानौली रोड पर कश्यप कॉलोनी में रहने वाला धर्मवीर धागा फैक्टरी में
नौकरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। पत्नी सीमा घर पर ही रहती
थी। छोटा बेटा 10 वर्षीय विशाल उर्फ बीरू और बड़ी बेटी 12 वर्षीय प्रीति
कॉलोनी के नजदीक लगते एक स्कूल में पढ़ती थी। विशाल यूकेजी में था और
प्रीति पहली कक्षा में है। शनिवार को स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग थी।
सीमा दोनोंं बच्चों के स्कूल में गई थी। स्कूल से आते ही दोनों बच्चे
कॉलोनी में ही ट्यूशन पढ़ने जाते थे। शनिवार को वे ट्यूशन पढ़ने गए तो मेडम
ने किसी कारण से चार बजे आने बात कही। बच्चे वापस घर आ गए। दोपहर को डेढ़
बजे के करीब धर्मवीर फैक्टरी से खाना खाने घर पर आया। बच्चों ने अपने पापा
के साथ खाना खाया। धर्मवीर खाना खाने के बाद वापस फैक्टरी चला गया। धर्मवीर
को एहसास नहीं था कि बीवी और बच्चे के साथ उसका आखिरी खाना होगा।
आरोपी अपने साथ ही लाया था तेल से भरी कैन
लड़की प्रीति ने बताया कि खाना-खाने के बाद वह अपने भाई के साथ घर पर
खेल रही थी। उसकी मां बेड पर लेटी थी। ढाई बजे के करीब ट्रक चालक पप्पू
उनके घर आया। उसने प्रीति की मां सीमा को उसके साथ हरिद्वार चलने की जिद
की। इस पर दोनों की कहासुनी हुई। इस पर गुस्से में भरे पप्पू ने घर में
उसकी मां सीमा, भाई विशाल और खुद पर तेल छिड़क लिया। घबराई प्रीति घर से
बाहर भाग आई और शोर मचा दिया। तब तक पप्पू ने सबको आग के हवाले कर दिया।
महिला ने बाथरूम की तरफ भागकर आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वह
कामयाब नहीं हो पाई। आग लगते ही पप्पू भी बाहर की तरफ भागा। मौके पर लोग
जमा हो गए। पास में रहने वाले धर्मवीर के भतीजे धारासिंह ने आग के बीच से
विशाल को बाहर निकाला। तब तक वह बुरी तरह झुलस चुका था। इसके बाद महिला को
बाहर निकाला, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। पप्पू और बच्चे विशाल को प्रेम
अस्पताल में दाखिल किया गया। दोनों को बाद में पीजीआई रेफर कर दिया। विशाल
की भी रास्ते में मौत हो गई।
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