नई दिल्ली. लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन सदन में पहली बार आपा
खोते दिखाई दीं। राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और कांग्रेस
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के हंगामे से खासी नाराज महाजन ने शुक्रवार को
यहां तक कह दिया 'अगर आप सुझाव देने पर इतने ही आमादा हैं तो दूसरा
स्पीकर चुन लीजिए।'
दरअसल, राजद सांसद पप्पू यादव संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) से जुड़े विवाद का मुद्दा उठाना चाहते थे। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इससे नाराज होकर उन्होंने अखबार फाड़ कर ऊपर फेंक दिया। अखबार के कुछ टुकड़े स्पीकर की मेज पर भी पहुंच गए। हालांकि, उन्होंने ऐसी घटना से इनकार किया है।
इसी बीच कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पुणे के मालिन गांव
में हुए हादसे पर राजनाथ सिंह के दिए एक बयान पर स्पष्टीकरण की मांग कर
रहे थे और कार्यवाही को बाधित कर रहे थे। दोनों ने काफी शोर-शराबा किया।
दोनों के न मानने से महाजन बिखर पड़ीं।
सिंधिया, खड़गे को नियमों का हवाला-
सिंधिया, लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य सांसद राजनाथ सिंह के बयान पर स्पष्टीकरण की मांग पर अड़े थे। जबकि महाजन ने व्यवस्था दी थी कि अगर सांसद नियमों के मुताबिक नोटिस देते हैं तो वह हादसे पर चर्चा को तैयार हैं, लेकिन नियम 372 के तहत मंत्री का बयान हो जाने के बाद इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा जा सकता। संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने भी कहा कि नियमों के तहत नोटिस आने पर सरकार भी चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन कांग्रेसी सांसद नहीं माने। जब स्पीकर द्वारा हंगामे में खराब हो रहे वक्त की याद दिलाई गई तो खड़गे ने यहां तक कह दिया कि क्या तब सदन का समय खराब नहीं हुआ था, जब राजनाथ ने हादसे पर इतना साधारण स्पष्टीकरण दिया।
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