हिन्दू हो चाहे मुस्लिम हो
दोनों की मज़हब की किताबे
गीता हो या फिर हो क़ुरआन
मुझे तो दोनों में सिर्फ और सिर्फ
मोहब्बत नज़र आती है ,,,,
इस मोहब्बत में देश के दुश्मनो को
ना जाने क्यों जेहाद नज़र आता है ,,,,,,,,
दोनों की मज़हब की किताबे
गीता हो या फिर हो क़ुरआन
मुझे तो दोनों में सिर्फ और सिर्फ
मोहब्बत नज़र आती है ,,,,
इस मोहब्बत में देश के दुश्मनो को
ना जाने क्यों जेहाद नज़र आता है ,,,,,,,,
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