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28 अगस्त 2014

यह केसी ,, नफरत यह केसा और किसका षड्यंत्र है

यह केसी ,, नफरत यह केसा और किसका षड्यंत्र है ,,,,आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं ,आज़ादी के बाद आज़ादी की लड़ाई का हीरो अहिंसावादी महात्मा गांधी की हत्या ,,,हत्यारा योजनाबद्ध तरीके से टोपी पहनकर ,,दाढ़ी लगाकर हत्या करता है ,,,,कल्पना करो अगर हत्यारा मौके पर नहीं पकड़ा जाता तो गांधी की हत्या के आरोप में कोनसी कॉम बदनाम होती ,,,,,आज़ादी के बाद गलियों बस्तियों में नफरत का माहोल ,,,फ़िज़ाओं में ज़हर ,,,अगर पानी से बिजली बनाने की बात हुई तो यह कहकर विरोध क्या गया के पानी की ताक़त निकालकर कमज़ोर पानी जनता पियेगी जिससे जनता कमज़ोर होगी ,,,गांय के क़ातिल होने के योजनाबद्ध आरोप लगाये जाते रहे ,,,मंदिर मस्जिद का विवाद ,,,,एक ईंट एक नोट ईंटें और जनता के नोट का कोई हिसाब नहीं ,,पहले रथ यात्रा ,,फिर एकता यात्रा ,,,रथ यात्रा में लालकृष्ण आडवाणी जिन्हे घर बिठा दिया गया है राम का दर्जा देकर पूजा जाने लगा ,,,रामायण के हीरो अरुण गोविल को राम का दर्ज देकर पूजा गया ,,,,कई योजनाबद्ध षड्यंत्र ,,,,छोटी छोटी आपसी रंजिश कहासुनी को नफरत का वातावरण बनाकर प्रचारित करना ,,,,,हां एक बात ज़रूर रही यह लोग व्यापारी रहे ,,अधिकारी रहे ,,लेकिन फौज में इनके बेटों की खुद इनकी कमी रहती है ,,,फिर बताइये यह राष्ट्रभक्त कैसे हो सकते है ,,,,,,,,अब लव जेहाद ,,वन्देमातरम का विवाद ,,,,इण्डिया शाइनिंग ,,,,,अच्छे दिनों का नारा वाह जनाब वाह सबके सामने तस्वीर है ,,,,,दोस्तों हम और आप हिन्दुस्तानी है हम और आप एक दूसरे से नफरत करने ,,विवाद करने के बारे में सोच भी कैसे सकते है ,, कुछ लोग हो सकते है जो गुमराह है समाज और देश को तोड़कर ,,लोगों को गुमराह कर अपना धंधा ,,चंदे का व्यापार और कुर्सी की सियासत करते है ,,लेकिन हमे और आपको इन षड्यंत्रों को समझना होगा ,,हमे आपको मिलकर एक नया हिंदुस्तान बनाना होगा ,,पाकिस्तान समर्थक आंतकवादियों के खिलाफ आवाज़ उठाना होगा ,,तिरंगे का अपमान करने वालों को सज़ा दिलवाना होगी ,,,,,देश तोड़ने ,,देश में नफरत का माहोल बनाने वालों का सामजिक ,,सियासी बहिष्कार करना होगा ,,,,,,हमे कोई समाज ,,कोई धर्म ,,कोई जाती ,,कोई सियासी पार्टी नहीं ,,हमे एक सुदृढ़ ,,खुशहाल ,,मज़बूत ,,,,हिन्दुस्तान चाहिए जो हम और आप मिलकर ही इस सपने को साकार कर सकते है ,,,,,,,,,मेरी इल्तिजा है अलगाववादियों से ,,,नफरत का व्यापार करने वालों से ,,,फिआओं में ज़हर घोलने वालों से ,,,,,,, षड्यंत्र कर समाज को समाज से लड़ाने वाले फितरती लोगों से ,,कुर्सी तक पहुंचने के लिए लोगों को भड़काकर लाशों के ढेर पर चलकर कुर्सी तक पहुंचने वालो से ,,,अगर वोह नफरत फैलाने की कोशिशों में जितनी ताक़त ,,जितना रुपया ,,जितना वक़्त बर्बाद करते है ,,अगर उससे दस फीसदी ताक़त भी यह लोग भाईचारा ,,सद्भावना क़ायम कर नए खुशहाल ,,सुरक्षित राष्ट्र निर्माण के लिए लगाते तो देश खुशहाल हो जाता ,,अपने बच्चो को अगर यह लोग देश की रक्षा के लिए फौज में भर्ती करने का माहोल बनाते तो इनकी वाह वाही होती ,,,,क्योंकि 67 साले में यह षड्यंत्रकारी लोग इस देश को अलग नहीं कर सके हाँ दंगे फ़सादा छोटी बात है जिससे मेरा देश तुरंत उबार गया ,,इसलिए मेरी इल्तिजा भूलो नफरत का पाठ आओ एक जुट हो ,,एक साथ हो ,,किसी मज़हब ,,किसी समाज से नफरत ,,या प्यार नहीं करे ,,बस जो मेरे देश के दुश्मन है उनसे नफरत करे ,,मेरे देश से प्यार ,,लव करे और मेरे देश के दुश्मनो के खिलाफ मेरे देश से लव होने के कारण आओ लव जिहाद करे ,,,आओ लव जेहाद करे ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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