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02 जुलाई 2014

वालदैन की नाफ़रमानी अल्लाह तआला की नाफ़रमानी

वालदैन की नाफ़रमानी अल्लाह तआला की नाफ़रमानी है और उनकी नाराज़गी अल्लाह तआला की नाराज़गी है। आदमी वालदैन को ख़ुश रखे क्योंकि माँ के पैर के नीचे जन्नत है। अगर हम वालदैन को नाराज़ रखेंगे तो हम दुनिया-ओ-आख़िरत में परेशान रहेंगे और अगर माँ बाप को राज़ी नहीं करेंगे तो कोई फ़र्ज़, कोई नफ़िल या कोई अमल ए सालिह अस्लन क़ुबूल ना होगा।

हज़रत माविया इब्ने जाहमा रज़ी० से रिवायत है कि उनके वालिद जाहमा हुज़ूर सैय्यद ए आलम स०अ०व० की ख़िदमत ए अक़्दस में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह! मेरा इरादा जिहाद में जाने का है, सरकार से मश्वरा लेने के लिए हाज़िर हुआ हूँ। इरशाद फ़रमाया क्या तेरी माँ ज़िंदा है?। अर्ज़ किया हाँ। आप ( स०अ०व०) ने फ़रमाया उसकी ख़िदमत करो कि जन्नत माँ के क़दमों के तले है।

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