(अंगा आदिवासियों द्वारा संरक्षित कर रखे गए शव )
मोरोबे। पापुआ न्यू गिनी के मोरोबे में अंगा जनजाति अपनी अनोखी
ममीकरण तकनीक के लिए चर्चित है। यहां शवों को सुरक्षित रखने के लिए पहले
उन्हें सुलगाया जाता है, फिर उन्हें मकबरों या कब्रों में दफनाने की जगह
पहाड़ियों पर रख दिया जाता है, ताकि वे पहाड़ियों पर से गांव को देखते
रहें। शव लाल रंग में रंगे होते हैं। पहाड़ियों पर बांस के सहारे रखी ये
लाशें देखने में बड़ी ही विचित्र लगती हैं, लेकिन अंगा जनजाति के लोगों के
लिए ये मृतकों को सम्मान देने के सबसे बेहतरीन तरीकों में से एक है।
शवों के संलेपन का काम बड़ी ही सावधानी से किसी अनुभवी व्यक्ति द्वारा
करवाया जाता है। सबसे पहले घुटने, कंधे और पैरों को सही आकार देने के लिए
पूरी चर्बी हटाई जाती है। फिर बांस के ढांचे में उन्हें रखा जाता है। इस
दौरान शरीर से निकले पदार्थों को मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों के बालों
और त्वचा पर लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे मृतक की ताकत जीवित
व्यक्ति में आ जाती है।
इसके बाद अगले चरण में मांस की सड़न को रोकने के लिए शव से आंखें,
मुंह और गुदा का हिस्सा निकाला लिया जाता है। इसके बाद माना जाता है कि ममी
(लाश के संरक्षण) को सदियों तक संरक्षित रखा जा सकता है। जीभ, हथेली से
लेकर तमाम ऐसे हिस्सों को निकाल लिया जाता है, जिनसे सड़न पैदा होने का डर
हो। इसके बाद शव के बाकी बचे ढांचे को आग में सुलगाया जाता है।
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