तू बिजलिया
मुझ पर गिराती जा
ऐ नफरत
में ना डरी हूँ
में न थकी हूँ
में ना रुकी हूँ
सुन ले सदियों से
बनी मेरी दुश्मन
ऐ नफरत
में हारने वाली नहीं
में सदियों से
में जीतती सिर्फ जीतती हूँ
में मोहब्बत ,,में मोहब्बत हूँ ,,,अख्तर
मुझ पर गिराती जा
ऐ नफरत
में ना डरी हूँ
में न थकी हूँ
में ना रुकी हूँ
सुन ले सदियों से
बनी मेरी दुश्मन
ऐ नफरत
में हारने वाली नहीं
में सदियों से
में जीतती सिर्फ जीतती हूँ
में मोहब्बत ,,में मोहब्बत हूँ ,,,अख्तर
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