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18 जून 2014

पीएमटी फर्जीवाड़ा: प्रदेश में 24 घंटे में 125 आरोपी छात्र-परिजन गिरफ्तार




 
भोपाल/इंदौर. मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए गलत हथकंडे अपनाने के 125 से ज्यादा आरोपियों को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में छात्रों के साथ-साथ कुछ अभिभावक और दलाल भी शामिल हैं। पूरे प्रदेश में 24 घंटे के दौरान ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां की गईं। अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार आरोपियों को भोपाल लाया गया।
 
जहांगीराबाद स्थित एसटीएफ दफ्तर परिसर में बुधवार को मेले जैसा माहौल देखा गया। एसटीएफ को 30 जून को पीएमटी गड़बड़ी के मामले में हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी है। पिछली पेशी के दौरान हाईकोर्ट ने एसटीएफ को फटकार लगाते हुए कहा था कि रसूखदारों और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है।
 
इसी के मद्देनजर डीजीपी नंदन दुबे ने दो दिन पहले सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर इस मामले में फरार 451 आरोपियों को 20 जून तक गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। इन आरोपियों को गुरुवार दोपहर अदालत में पेश किया जाएगा। 
 
अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
 
पुलिस अफसरों के मुताबिक व्यापमं की परीक्षाओं में गड़बड़ी का यह पहला मामला है, जिसमें 1100 से ज्यादा आरोपी हैं। केवल 24 घंटे के भीतर 125 आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की भी यह पहली कार्रवाई मानी जा रही है।
 
कहां से कितने 
 
इंदौर                                            18
झाबुआ                                        19
खरगोन                                       13
धार                                             10
बड़वानी                                      06
खंडवा                                          03
आलीराजपुर                               05

इंदौर से 18 छात्र-छात्राएं गिरफ्तार 
 
इंदौर जोन के आठ जिलों की पुलिस रातभर छापे मारती रही। इंदौर पुलिस ने 18 स्टूडेंट को पकड़ा। इनमें 11 छात्राएं और 7 छात्र हैं। जोन के बाकी जिलों से 48 स्टूडेंट हिरासत में लिए गए। बुरहानपुर पुलिस को एक भी छात्र नहीं मिला। जुलाई 2013 में उजागर हुई मेडिकल परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। एसटीएफ को मामले की अगली स्टेटस रिपोर्ट जबलपुर हाइकोर्ट में 30 जून को पेश करनी है।
 
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए मंगलवार को डीजीपी नंदन दुबे ने पुलिस मुख्यालय से हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और आईजी को निर्देशित किया था। 451 आरोपियों की सूची अलग-अलग जिलों को दी गई है। इनमें कुछ ऐसे आरोपी भी हैं, जो अदालत से अग्रिम जमानत ले चुके हैं।
 
इंदौर पुलिस ने इन्हें किया गिरफ्तार 
 
ऐश्वर्या जायसवाल सुदामानगर, रोशनी पाटीदार सुदामानगर, सीमा भंवर मनावर, निखिल गुप्ता बड़वानी, अलका मिमरोट नेहरूनगर, दीपाली तंवर महालक्ष्मीनगर, आशीष गोमे लाला का बगीचा, श्रुति पाटीदार आनंदनगर, आयुषी खतोरिया कनाडिय़ा, ऐश्वर्या कोठारी सुदामानगर, रूपेश शर्मा नसरुल्लागंज, रवींद्र सिंह विंध्याचल, डिंपी सिलावट छावनी, रोहित जाटव मंगलनगर, रुचि सोनी बिस्नावदा, आरसी सय्यद मराठी मोहल्ला, सौरभ सुले हरसोला, संतोष सुले (सौरभ के पिता)।
ग्वालियर में केस दर्ज, पकड़ाया धार में

धार एसपी भगवंत सिंह चौहान ने बताया पीएमटी 2013 में ग्वालियर झांसी रोड के एक प्रकरण में दो हजार के ईनामी भेरूसिंह थानसिंह भीलाला धनोरा (जीराबाद) को भी पकड़ लिया गया है। अमरसिंह कैलाश जमरा धावद (पगारा) को 14 जून को संयोगितागंज थाना में गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस को दो हजार के ईनामी राजेंद्र वास्केल मोदकानापुर-उमरबन की भी तलाश है।
 
नींद से उठाया, कपड़े भी नहीं बदलने दिए  
 
दबिश के दौरान आरोपी जिस हाल में मिला, उसे उसी हाल में गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ दफ्तर में बुधवार को मौजूद नरसिंहपुर से आए एक परिवार ने बताया कि पुलिस ने देर रात नींद से जगाकर उनके बेटे को हिरासत में ले लिया। उसे पूरे कपड़े बदलने तक का मौका नहीं दिया गया।
सागर के गुर्गे ने फोन लगाया तो हम भी उलझ गए 
 
अन्नपूर्णा पुलिस ने बड़वानी के सराफा व्यापारी बालकृष्ण गुप्ता के बेटे निखिल को पकड़ा है। गुप्ता के मुताबिक पीएमटी गड़बड़ी में निखिल की कोई भूमिका नहीं है। उसने एक निजी कोचिंग क्लास से पीएमटी-2013 की तैयारी की थी, लेकिन उसका सलेक्शन नहीं हुआ। डॉ. जगदीश सागर के गुर्गे गंगाराम पिपलिया ने कोचिंग से नंबर लेकर हमसे संपर्क किया। हमने उससे कोई मदद नहीं ली, लेकिन उसके फोन आने भर से ही एसटीएफ ने निखिल को आरोपी बना दिया है।
 
चार लाख में चयन कराया, अंग्रेजी में उलझा तब छोड़ा कॉलेज
 
धार जिले से हिरासत में लिए गए छात्रों में से एक ने चार लाख रुपए देकर सेलेक्शन कराना कबूला। अन्य छात्रों ने कहा हमारा चयन तो हुआ ही नहीं। वर्ष 2012 पीएमटी में रवींद्र रामसिंह बिलवार निवासी राजगढ़ का चयन हुआ था जबकि उसे अंग्रेजी नहीं आती।  रवींद्र ने भास्कर से कहा कि वर्ष 2012 में सेलेक्शन के लिए प्रजापति (नाम पूरा नहीं बता सका) को चार लाख रुपए दिए थे। चयन हो गया और इंदौर का एमजीएम कॉलेज भी मिल गया था। छह माह तक रहा लेकिन अंग्रेजी नहीं आने के कारण छोड़ दिया और घर लौट आया। अंग्रेजी नहीं आने पर सेलेक्शन तक की स्टेज तक कैसे पहुंचे, यह बताने से रवींद्र बचता रहा।

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