आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

29 मई 2014

सुबकते हुए होंट

सुबकते हुए होंट
आंसू टपकाती आँखे
तकलीफ से आहत उनका दिल
मेरे सीने से क्या लगा
बस
होंट उनके मुस्कुराने लगे
दिल उनका गुनगुनाने लगा
आंसू ठंडक बनकर
मेरे शाने पर बहते चले गए
या रब
तू हमेशा उन्हें खुश रखना
या रब
तू उनके हर मुराद पूरी करना
या रब
फिर से ना हो उन्हें कोई तकलीफ
बस इसका ज़रा ध्यान रखना
उनके हिस्से का हर गम
उनके हिस्से की हर तकलीफ
उनके हिस्से का हर आंसू
मुझे तू देना
उन्हें खुशियां सिर्फ खुशियां देना
उनकी आँखों में ना हो कभी आंसू
उनके दिल में कभी ना तड़पन
उनके होंट कभी न सबके कभी न रोये
या रब वोह मेरे महबूब है
उनको मेरा ख्याल हो ना हो
फिर भी तू
मेरे इस जानम
मेरे इस महबूब का ख्याल रखना ,,,अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...