नई दिल्ली। भाजपा नेता नितिन गडकरी मानहानि केस में 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ाए जाने के फैसले को अरविंद केजरीवाल
दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह कल
उच्च न्यायालय में इस बाबत अर्जी दायर करेंगे। वहीं, केजरीवाल ने पत्र
लिखकर कहा है कि मीडिया का एक धड़ा मेरे खिलाफ है। मैं जब मुजरिम नहीं हूं
तो मुझे जेल में क्यों रखा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा है कि भष्ट व्यक्ति
जेल के बाहर हैं और मैं अंदर। केजरीवाल की लिखी यह चिट्ठी अब 'आप'
कार्यकर्ताओं को बांटी जाएगी, जिसे लेकर वह घर-घर जाएंगे।
इससे पहले पटियाला हाउस अदालत ने केजरीवाल को छह जून तक हिरासत में
भेज दिया। अरविंद ने अदालत में एक बार फिर बेल बॉन्ड भरने से इनकार कर
दिया, जिसके बाद अदालत ने यह आदेश दिया। यहां तक कि केजरीवाल ने कोर्ट में
मजिस्ट्रेट के सामने ही नितिन गडकरी को भ्रष्ट कह दिया। इसके बाद कोर्ट
में काफी हंगामा भी हुआ और गडकरी के वकीलों ने इसका विरोध किया। अदालती
आदेश के बाद अरविंद को सुरक्षा के मद्देनजर जेल वैन में बिठाकर तिहाड़ जेल
भेज दिया गया।
कानूनी प्रकिया माननी ही होगी: मजिस्ट्रेट
सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट ने अरविंद से कहा कि बेल बॉन्ड भरना एक
कानूनी प्रकिया है और आपको इसे मानना ही होगा। मजिस्ट्रेट ने उन्हें यह
भी समझाया कि अगर आप बेल बॉन्ड पर हस्ताक्षर करते हैं, तो इसका मतलब यह
नहीं कि आप 10 हजार रुपए का भुगतान कर रहे हैं। इसके बावजूद केजरीवाल ने
बेल बॉन्ड देने से साफ इनकार कर दिया।
शाम को कांस्टीट्यूशनल क्लब में बैठक करेगी पार्टी !
अदालत के फैसले के बाद पार्टी नेता गोपाल राय ने कहा, "शाम को पार्टी के सभी वालंटियर कांस्टीट्यूशनल क्लब में इकट्ठा होकर आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे।" उन्होंने कहा, "अब हम निश्चित ही दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करेंगे।"
बिना बेल बॉन्ड भरे केजरीवाल को नहीं मिलनी चाहिए जमानत: पिंकी आनंद
गडकरी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने दलील दी कि केजरीवाल
को बिना प्रकिया अपनाए जमानत दिया जाना गलत होगा। अगर वे जमानत चाहते हैं,
तो उन्हें प्रकियानुसार पहले बेल बॉन्ड भरना होगा।
अदालत में उनकी पत्नी सुनीता, पार्टी नेता योगेंद्र यादव, कुमार
विश्वास एवं अन्य नेता भी मौजूद रहे। मामले की सुनवाई से पहले हालात ये
रहे कि कोर्ट रूम मीडिया, वकीलों और आप नेताओं से खचाखच भर गया। नतीजतन,
कोर्ट रूम बदलने का निर्णय लिया गया। करीब एक बजे शुरू हुई मामले की सुनवाई
के दौरान केजरीवाल की ओर से सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने जिरह की। जेल के
बाहर बड़ी तादाद में 'आप' कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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