नई दिल्ली. बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने
सोमवार को इस चुनाव प्रचार अभियान के दौरान शायद पहली बार राम और मंदिर का
सहारा लिया। उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में रैली के दौरान उनके मंच पर
अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीर लगी थी। भाषण में भी मोदी
ने राम के नाम की सौगंध खा ली। इस तरह अब तक लगातार विकास के नाम पर चुनाव
लड़ने की बात कहने वाले मोदी फैजाबाद में धार्मिक आधार पर वोटों के
ध्रुवीकरण की कोशिश करते दिखे। कांग्रेस ने भाजपा के इस कदम के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई और आयोग ने भी फौरन जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब कर ली। कांग्रेस के अलावा ममता बनर्जी
की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी आयोग से लिखित में इस मामले की शिकायत
है। टीएमसी ने मोदी पर धर्म के नाम पर वोट मांगकर आदर्श आचार संहिता का
उल्लंघन करने का आरोप लगाया। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने मोदी की
गिरफ्तारी की मांग की है।
फैजाबाद में मोदी राम के नाम को भुनाते दिखाई दिए। मोदी ने कहा, 'मैं
श्रीराम की सौगंध खाता हूं कि जिंदगी भर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता
रहूंगा।' उन्होंने यह भी कहा, 'श्रीराम की धरती से मैं कमल ले जाना चाहता
हूं।'
कहा जाता है कि मोदी ने ही भाजपा के घोषणापत्र तक से मंदिर मुद्दे को
दूर रखवाया। घोषणापत्र के आखिरी हिस्से में बस कुछ पंक्तियों में मंदिर
मुद्दे का जिक्र है। लेकिन, फैजाबाद में मोदी के मंच पर उस मंदिर की
तस्वीर दिखाई गई जो अयोध्या में कथित तौर पर बनवाया जाना है।
मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में एक के बाद कई रैलियां कीं। फैजाबाद और अंबेडकर नगर की उनकी रैलियों में कुछ न कुछ खास घटा। हालांकि, सब की नजर राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में होने वाली उनकी रैली पर है।
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