मेरा दिल वोह
रोज़ दुखाते है
मुझे वोह रोज़
रुलाते है
मुझे वोह रोज़
तड़पाते है
मुझे से रोज़ मिलने का वायदा कर
वोह मुझे भूल जाते है
मुझे रुला कर
शायद वोह जीत की खुशी में
कभी इठलाते है
कभी इतराते है
शायद वोह मेरे अपने
मेरे खासम खास है
इसीलिए तो वोह
अपना हक़ जताते है ,,,,,,,,,,,,,,
रोज़ दुखाते है
मुझे वोह रोज़
रुलाते है
मुझे वोह रोज़
तड़पाते है
मुझे से रोज़ मिलने का वायदा कर
वोह मुझे भूल जाते है
मुझे रुला कर
शायद वोह जीत की खुशी में
कभी इठलाते है
कभी इतराते है
शायद वोह मेरे अपने
मेरे खासम खास है
इसीलिए तो वोह
अपना हक़ जताते है ,,,,,,,,,,,,,,
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