आपका-अख्तर खान

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19 अप्रैल 2014

ऐतबार टूटा …

एक उम्र तक मैं खुद को उस की ज़ात का हिस्सा समझता रहा ……!
फिर यूं हुआ के …..! यक़ीन टूटा ….!
ऐतबार टूटा …..!
दिल टूटा ……!
और मैं भी टूटता चला गया ….

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