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15 अप्रैल 2014

रिश्ते कितने अजीब है ,,,,,,नेहरू परिवार के नवासे राहुल गांधी और वरुण गांधी ,,दो अलग अलग रास्तों पर है

रिश्ते कितने अजीब है ,,,,,,नेहरू परिवार के नवासे राहुल  गांधी और वरुण गांधी ,,दो अलग अलग रास्तों पर है ,एक वरुण नेहरू का  अपमान करने वालों के साथ है तो दुसरा नेहरू के सम्मान के लिए लड़ रहा है ,,एक वरुण उसकी चाची ,,उसके भाई उसकी बहन प्रियंका का अपमान करने वालों के साथ है ,,,अजीब बात है एक भाई के सामने उसकी बहन को शराबी कहा जाए और उसका खून नहीं खोले ,,एक ताई के सामने उसी की पार्टी के लोग उसकी भतीजी को शराबी कहे और वोह खामोश रहे अजीब बहुत अजीब बात है ,,,,भाजपा भी अजीब है गांधी परिवार को गाली बकती है लेकिन उसके बेटे वरुण और बहु मेनका को सियासत का गढ़ जीतने के लिए अपने साथ रखती है ,,,,,,,,,,वरुण जो संजय गांधी के पुत्र है ,,मेनका जो संजय गांधी की पत्नी है जिन्होंने ने जनसंघ ,,आर एस एस और भाजपा से हमेशा नफरत की है और आज उनके पुत्र और पत्नी उसी पार्टी के हाथ के खिलोने बने है ,,,,,शायद सियासत इसी का नाम है ,,के अपनी पत्नी को छोड़ने वाले महिलाओं को कभी वीदेशी बताकर कभी शराबी बताकर अपमान करे और खुद को भारतीय संस्कृति का रक्षक  कहें ,,शायद रक्षाबंधन का अपमान ऐसे भाई ही करते है के जिसके सामने बहन को शराबी कह कर आरोपित अपमानित किया जाए और वोह भाई ऐसे शख्स का मुंह तक न पकड़ सके ,,धिक्कार है ऐसे पति रॉबर्ट वाडरा पर जो अपनी पत्नी के सम्मान की रक्षा करने में असफल हो ,,धिक्कार है ऐसे भाई राहुल गांधी और वरुण गांधी पर जो ऐसे अपमान करने वालों के खिलाफ चुप बैठे हो ,,,धिक्कार है  माँ ऐसी चाची जो सियासत के गुरुर में दुश्मनो के सामने चुप हो या फिर दुश्मनो से मिल गए हो और इससे भी ज़्यादा धिक्कार है ऐसे लोगों पर जो संस्कृति के सम्मान की बात करते हो ,,जो देश के महिलाओं के सम्मान की बात करर्ते हो और फिर एक महिला एक बेटी को शराबी कहकर खुले रूप से अपमानित करने वालों के मददगार बनते हो ,,क्या ऐसे लोग जेल में नहीं होना चाहिए ,,क्या रिश्तों को राजनीति में उलझाने वाले मौक़ापरस्त लोग हमरे देश के युवा लोगों को रिश्ते बिगड़ने के संस्कार और सीख नहीं दे रहे है ,,,,,,थू है ऐसी राजनीति पर जिसके सामने एक बहन को उसी की पार्टी के लोग शराबी कहे और वोह खामोश कुर्सी के लालच में यह सब सुनता रहे ,,शायद महाभारत के किरदार फिर से जीवंत होने लगे है ,,,,,,,,,,,,,,थू है ऐसे लोगों पर जो गांधी परिवार और उसके खून को रोज़ गाली देते है अपमानित करते है नेहरू को अपमानित करते है उसके खानदान के लिए बकवास करते है और फिर उसी के नवासे उसी गांधी परिवार के पोते चश्मे चिराग वरुण गांधी को अपने सर पर बिठाकर सियासत का नंगा घेल नफरत का खेल खेलते है ,,,थू है थू है ऐसी सियासत पर जो रिश्तों को खत्म करने की सीख दे रही है ,,देश में नौजवानों में नफरत फैलाने का पाठ पढ़ा रही है थू है ,,,,,,,,अख्तर

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