आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

17 मार्च 2014

दोस्तों कितने शर्म की बात है ,निर्भीकता से आज़ादी की लड़ाई लड़कर देश को आज़ाद कराने वाला वकीलों का तबक़ा आज किसी ना किसी तरह सियासत का गुलाम हो गया है

दोस्तों कितने शर्म की बात है ,निर्भीकता से आज़ादी की लड़ाई लड़कर देश को आज़ाद कराने वाला वकीलों का तबक़ा आज किसी ना किसी तरह सियासत का गुलाम हो गया है और हालात यह है के खुद वकील अपनी मुसीबतों से जूझ रहे है ,,ना  वकीलों की सुरक्षा है ,,ना उन्हें सुविधाएं है ,,ना अदालते है ,,ना अदालतों में उनके बैठने की वाजिब जगह है ,,न किताबे है ,,अदालत है तो जज नहीं है ,,,,जज है तो उनका व्यवहार वकीलों से अभद्रता वाला है ,,,ना केंटीन है ,,,ना रहने के लिए ठीक तरह का घर ,,,,कुल मिलाकर देश को आज़ाद कराने वाला यह तबक़ा जो देश को देश के शोषित पीड़ितों को न्याय दिला रहा है सभी पार्टियों में अपना महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व रखता है लेकिन शेम शेम कहने को जी चाहता है के चाहे कोंग्रेस हो चाहे भाजपा या कोई और दल हो इन दलों में बेठे वकीलों के प्रतिनिधियों ने वकीलों की समस्याओं और समाधान के बारे में नहीं सोचा है ,,खुद को दलाल बना लिया और वकीलों को मज़ाक़ बना दिया है ,,,,,,,,दोस्तों हमारे सामने एक नयी आज़ादी की अपने हक़ों की लड़ाई है ,,हमे आने वाले लोकसभा चुनाव में अपना परचम लहराना होगा वकील कोई आम वोटर नहीं वोह  नेतृत्व करता है इसे हमे करके दिखाना होगा ,,ना कोंग्रेस ना भाजपा ना जनता दल न सपा बस वकील और वकीलों की समस्या और उनके समाधान की लड़ाई एक जुट होकर हमे लड़ना है ,,,अभी कोटा में एक मंत्री जी ने वकीलों में ही कुछ दलाल छोड़ कर वकीलों का अपमान करने का प्रयास क्या था सत्ता के नशे में चूर इन जनाब मंत्री जी ने खुद को खुदा समझ  लिया था लेकिन धन्य हो कोटा के वकीलों की एकता के इन जनाब को खुदा से ज़मीन पर पटखनी देकर कोटा के वकीलों ने रास्ते का पत्थर बना दिया और वकीलों के जोहर को क़ायम रखा ,,,कोटा के वकीलों को बधाई मुबारकबाद ,कोटा में भाजपा के विधायक वकीलों के आंदोलन के वक़त आंदोलन स्तर पर आये वकीलों की एक एक मांग को जायज़ बताया और सरकार बनते ही इन समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा जी ने अपने भाषण में सार्वजनिक रूप से वकीोलों की मानगो को जायज़ बताते हुए सरकार आने पर इन्हे स्वीकार करने का भरोसा दिलाया ,,,,,कहा गया वोह भरोसा ,,कहा गया  आश्वासन इन भाजपा के विधायकों भाजपा की मुख्यमंत्री का और कहा गया वकीलों का वोह जोश जो कोंग्रेस सरकार के खिलाफ उफान बनाकर उबला था और अब जी हुज़ूरी में लगा है कोई आंदोलन नहीं अपनी मांगों के समर्थन में कोई  सुगबुगाहट नही हेरान है सभी वकील इन बातों को लेकर खेर चुनाव  आचार संहिता है इंतिज़ार कर लेंगे लेकिन चुनाव के पहले अगर वकील अपनी मांगो के समर्थन में अपना वुजूद नहीं दिखाएँगे तो फिर उन्हें उना हक़ मिलना तो दूर उनका वुजूद ही खतरे में पढ़ जाएगा ,कोंग्रेस के शासन में राजस्थान के वकीलों ने जयपुर आंदोलन क्या ,,,वकीलों और जजों पर राजस्थान सरकार के निर्देशों पर लाठियां बरसाई गयी कई लोग लहुलुहान हुए ,,आंदोलन ने उग रूप लिया और राजस्थान सरकार ने एक लिखित समझोता वकीलों से क्या ,आज राजस्थान बार कोंसिल के लोग वकील सत्ता में मंत्री है ,,सांसद है ,,,भाजपा में पदाधिकारी है प्रवक्ता है लेकिन वकीलों की समस्या वोह नहीं उठा रहे है इसे हमे देखना होगा उनके हमे कान उमेठना होगे और हमारी समस्याओं को उजागर कर उन्हें मनवाने के लिए टेडी ऊँगली करना होगी आज भारत की बार कोंसिल सर्वोच्च वकीलों की संस्था के अध्यक्ष बीरी सिंह सिनसिनीवार राजस्थान के है इसका हमे फायदा लेना होगा और राजस्थान में भाजपा सरकार को धमकाना होगा इनके नेताओं का गिरेहबान पकड़ कर इन्हे याद दिलाना होगा के तुमने हमसे क्या वायदे किये थे ,,,,भाजपा में बेठे वकीलों के प्रतिनिधियों को पकडन होगा ,,यही हाल हमे दिल्ली के लोकसभा चुनाव में करना होगा ,,वर्ण हमे इनके चुनाव आवेदन नहीं भरना चाहिए इनका  चाहिए ,,राजस्थान मैबरील दो हज़ार बारह में आंदोलन के दोरान कोंग्रेस की सरकार ने बार कोंसिल के चेयरमेन संजय शर्मा के साथ कुछ समझोते किये थे जिनकी क्रियान्विति के लिए आज तक भी कोई पहल नहीं की गई है ,,,,,कोटा के एडवोकेट जमील अहमद द्वारा सुचना के अधिकार अधिनियम प्रावधान के तहत समझोते के बिंदुओं की प्रति प्राप्त की है जिसमे निम्न समझोे हुए ,,,,,,,,,,,सम्पूर्ण राजस्थान के वकीलों को न्यूनतम दर पर सभी स्थानों पर एडवोकेट कॉलोनी बनाकर देने ,,,,,,पांच साल से कम अनुभव वाले अधिवक्ताओं को दो हज़ार रूपये प्रतिमाह स्टाई फंड देने ,,,,,,,,राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष में दस करोड़ रूपये का अनुदान देने ,,,अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम बनाये जाने ,,,,राजस्थान राजव बोर्ड में सदस्यों की  नियुक्तियों में अधिवक्ताओं को प्रतिनिधित्व देने ,,,ज़िला  उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पदों पर पचास प्रतिशत पदों पर अधिवक्ताओं को नियुक्त करने ,,,,,,ज़िला और तहसील ,,क़स्बा स्तर की अदालतों में वकीलों के लिए सरकारी खर्च पर पुस्तकालय बनाने ,,,,जयपुर और जोधपुर ,,अजमेर में सरकारी खर्च पर अधिवक्ता भवन बनाये जाने ,,,,,,,राजस्थान के ट्रिब्यूनल में अधिवक्ताओं को नियुक्त करने ,,,राजस्थान में वकीलों के लिए पेंशन योजना लागू करने ,,, अधीनस्थ न्यायलों में मुलभुत ढांचा उपलब्ध कराने समस्याओं का सामधान करने ,लोकअभियोजक और सहायक लोक अभियोजक के लिए न्यूनतम आयु सीमा पेंतीस साल से बढ़ाकर चालीस साल करने ,,,जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में राजस्थान के छात्र छात्राओं का आरक्षण करने ,,,सहित कई मांगे शामिल थी जिनपर भाजपा सरकार द्वारा आजतक सत्ता में आने के बाद कोई अमल नहीं क्या है अफ़सोस तो यह है के भाजपा में वकीलों के प्रतिनिधियों ने भी सरकार का ध्यान इस तरफ नहीं दिलाया है ,,,,,,,ऐसे में राजस्थान के वकीलों को लोकसभा चुनाव के पहल अंगड़ाई लेना होगी और आर पार की लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ते हुए जो हमारी मांगे पूरी करा उसके साथ हम रहेंगे का अभियान चलाना होगा ,यही आंदोलन देश भर में सभी राज्यों में वकीलों के हक़ की लड़ाई को लेकर हमे चलाना होगा ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...