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10 मार्च 2014

दोस्तों हिंदुस्तान के मेरठ में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं ,,,अजीब बात है

दोस्तों हिंदुस्तान के मेरठ में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं ,,,अजीब बात है ,पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों में मोदी के परधानमंत्री उम्मीदवारी पर चिंता अच्छी बात है ,,,,,,,आतंकवाद का सर्वनाश ही भारत का सुनहरा मुस्तक़बिल है ,,,, हमे सोचना होगा हमारे उन नेताओं के बारे में जिन्हे हम पूजते है ,,मोलाना अबुल कलाम आज़ाद जिसे मुसलमान अपना लीडर और आदर्श मानते है उनसे कोई मुसलमान नहीं पूंछ सका के जब देश के टुकड़े हो रहे थे तो उन्होंने विरोध क्यूँ नहीं क्या ,,अगर देश के टुकड़े हुए तो फिर उन्होंने इस देश में मंत्री का लुत्फ़ उठा कर जश्न क्यूँ मनाया ,,क्यूँ कोंग्रेस के पंडित जवाहर लाल नेहरू जिनके दादा मुसलमानो में से थे उनके कार्यकाल में आरक्षण परिपत्र केवल  हिंदुओं के लिए लिखने पर ऐतराज़ जता कर अपने पद से इस्तीफा क्यूँ नहीं दिया ,,,,,,हमे सोचना होगा जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या नाथू राम गोडसे ने कि तो क्यूँ सरदार पटेल ने सभी हिंदुओं को आतंकवादी बताया ,,क्यूँ आर एस एस पर पाबदी लगाकर इन्हे जेल भेजा अगर वोह निर्दोष थे अगर वोह देश भक्त थे तो वोह आर एस एस पर पाबंदी लगाने के पहले इस्तीफा दे देते कुरसी छोड़ देते ,,,सरदार पटेल विभाजित भारत का अगर विरोध करते तो वोह फिर विभाजित भारत में मंत्री पद छोड कर अपना त्याग जताते तो दोस्तों जिन्हे हम आदर्श मानने लगे है उन्होंने हमे विरासत में क्या कुछ दिया है इसके बारे में सोचे और आज की सियासत जिस तरह से चल रही है उस पर चिंतन मनाना करना होगा सब्सिर्फ कुर्सी और कुर्सी हथियाना चाहते है एक दूसरे के खिलाफ  हवा बनाकर खुद को हीरो साबित करना चाहते है लेकिन हक़ीक़त में हीरो कोन है हमे देखना होगा अधिक से अधिक संख्या में वोट डालकर अपने अपने चहेते प्रत्याक्षियों को खड़ा कर राष्ट्रहित में सोचते हुए नवराष्ट्रनिर्माण के लिए नयी केंद्र सरकार चुनना होगी ,,क्या हम ऐसा कर सकेंगे या फिर यूँ ही मुसलमान अबुल कलाम आज़ाद जिसने मुसलमानो को आरक्षण से रोकने पर भी कोई विरोध नहीं जताया और कुर्सी से चिपके रहे उन्हें अपना नेता मानते रहेगे या फिर हिन्दू भाई सरदार वल्लभ भाई पटेल जिन्होंने भारत के विभाजन होने पर भी कुर्सी स्वीकार की क्रूसी नहीं छोड़ी और गांधी की हत्या एक व्यक्ति द्वारा करने पर पुरे हिन्दू समाज को आतंकवादी ठहराया संघ जेसे राष्ट्रवादी संगठन को प्रतिबंधित कर इसके नेताओं को जेल भिजवाया लिखित में माफ़ी मंगवाई इतना ही नहीं पुरे हिन्दू संगठनों को गांधी की हत्या में शामिल बताकर अपमानित क्या गया ,,ज़रा सोचो जिन्हे हम मुस्लिम हीरो जिन्हे हम हिन्दू हीरो कहते है यह सब कुर्सी पर बने रहने के लिए सौदेबाज़ी करते रहे है हमारे जज़बात हमारे समाज हमारे धर्म से खेले है इसलिए प्लीज़ जज़बात से नहीं ,,धर्म से नहीं सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रभक्ति और नैतिकता से इस देश के बारे में सोचे अपना वोट इसी तर्ज़ पर डाले प्लीज़ ,,ज़रा चिन्तनं और मनन करे ,,क्रोधित होने के पहले इतिहास और इतिहास के हालातों को ज़रूर भांप ले ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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