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06 मार्च 2014

अमेरिका की मोदी से नफरत और फिर प्यार के पीछे का सच क्या है ,,,क्या इस सच को भारत को नहीं जानना चाहिए ,,,जो अमेरिका नरेंद्र मोदी को खुनी ,,हत्यारा कहकर वीज़ा देने से इंकार करता था ,,नरेंद्र मोदी के नाम पर पुरे भारत के मान सम्मान को ठेस पहुंचाता था उसी अमेरिका के लिए अब नरेंदर मोदी के लिए अचानक प्यार उमड़ आया है ,,

अमेरिका की मोदी से नफरत और फिर प्यार के पीछे का सच क्या है ,,,क्या इस सच को भारत को नहीं जानना चाहिए ,,,जो अमेरिका नरेंद्र मोदी को खुनी ,,हत्यारा कहकर वीज़ा देने से इंकार करता था ,,नरेंद्र मोदी के नाम पर पुरे भारत के मान सम्मान को ठेस पहुंचाता था उसी अमेरिका के लिए अब नरेंदर मोदी के लिए अचानक प्यार उमड़ आया है ,,,दोस्तों सभी जानते है कोंग्रेस ,,कोंग्रेस की अध्यक्ष उपाध्यक्ष और प्रधानमंत्री सहित कई मंत्री अमेरिका के ज़रखरीद गुलाम है उन्होंने पुरे भारत को भारत की अस्मिता को अमेरिका के यहाँ गिरवी रख दिया है ,,,,,,सियासत में जब केजरीवाल आये और उन्होें रिलाइंस सहित दूसरे उद्द्योगपतियों की पोल पट्टी खोली पेट्रोल और गेस का एक सच देश को बताया अधिक मुनाफाखोरी और भ्रष्टाचार के नंगे खेल को जनता के सामने रखा तब पोल खुली के हमारा भारत अमेरिका को पेट्रोल खरीद के नाम पर सत्तावन हज़ार करोड़ रूपये अधिक दे चुका है ,,,,,,,,,,,हमारा देश अगर ईरान से पेट्रोल लेता तो हमे पेट्रोल सस्ता और उच्च क्वालिटी का मिलता हमे सत्तावन करोड़ का फायदा होता जो देश के गरीबों और इंफ्रा स्ट्रैचर विकसित करने के काम आता ,,,,इतना ही नहीं देश में पेट्रोल ,,गेस सस्ता होता तो मूल्यों में भी कमी होती  ,,महंगाई कम होती ,,देश विकसित होता ,,,लेकिन अंतर्राष्ट्रीय तेल माफिया ,,तेल डकेत अमेरिका ने भारत को डराया धमकाया क्योंकि अगर भारत अमेरिका से महंगे दामों में पेट्रोल नहीं खरीदता तो अमेरिका का डॉलर गिर जाता ,,अमेरिका तबाह और बर्बाद हो जाता ,,,,,तो दोस्तों जब रिलाइंस के प्रति झुकाव नरेंद्र मोदी का देखा गया और अमेरिका को यह समझ में आया के कोंग्रेस तो पचास सीटों पर सिमट रही है तो उन्होेंने मोदी का दामन थामा और उद्द्योगपतियों के ज़रिये अलिखित समझोता क्या है के वोह अगर प्रधानमंत्री बने तो पेट्रोल तो अमेरिका से ही महंगे दामों में ही खरीदेंगे ,,इराक़ चाहे कितना ही सस्ता और उच्च क्वालिटी का तेल दे उससे नहीं खरीदना है बस अमेरिका की निगाह में जो मोदी हत्यारा ,,खुनी ,,क़ानून तोड़ने वाला था वोह बहतरीन प्रशासक ,,भावी प्रधानमंत्री हो गए इसके लिए गेर भाजपाई वोटो को बांटकर भाजपा को बढ़त दिलाने के लिए अन्ना हज़ारे को फार्मूला दिया गया और गैरभाजपाई वोटों के बंटवारे के लिए उन्होंने ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर भाजपा को एकजुट और मज़बूत क्या है जबकि गेर भाजपाई वोटों को बिखेर कर कमज़ोर कर दिया है ,,,,,,में भी नरेंद्र मोदी का समर्थक हो जाऊँगा अगर वोह आज यह घोषणा कर दे के भारत अमेरिका से जो महंगा और निम्न क्वालिटी का पेट्रोल लेकर देश को हर साल सत्तावन हज़ार करोड़ का चुना लगा रहा है वोह इस पेट्रोल को अंतराष्ट्रीय स्तर पर जो भी सस्ता और क्वालिटी वाला देगा उसे खरीदने का क़रार करेंगे तो चलो में भी मोदी के साथ हूँ लेकिन उनसे यह कहलवाओ यह घोषणा करवाओ तो सही क्योंकि अमेरिका के लिए तो भारत के गरीबों को लूटकर उनका रुपया अमेरिका के खज़ाने भरने वाले की ज़रूरत है ,,,,,,,,,अख्तर खान  अकेला कोटा राजस्थान अमेरिका की मोदी से नफरत और फिर प्यार के पीछे का सच क्या है ,,,क्या इस सच को भारत को नहीं जानना चाहिए ,,,जो अमेरिका नरेंद्र मोदी को खुनी ,,हत्यारा कहकर वीज़ा देने से इंकार करता था ,,नरेंद्र मोदी के नाम पर पुरे भारत के मान सम्मान को ठेस पहुंचाता था उसी अमेरिका के लिए अब नरेंदर मोदी के लिए अचानक प्यार उमड़ आया है ,,,दोस्तों सभी जानते है कोंग्रेस ,,कोंग्रेस की अध्यक्ष उपाध्यक्ष और प्रधानमंत्री सहित कई मंत्री अमेरिका के ज़रखरीद गुलाम है उन्होंने पुरे भारत को भारत की अस्मिता को अमेरिका के यहाँ गिरवी रख दिया है ,,,,,,सियासत में जब केजरीवाल आये और उन्होें रिलाइंस सहित दूसरे उद्द्योगपतियों की पोल पट्टी खोली पेट्रोल और गेस का एक सच देश को बताया अधिक मुनाफाखोरी और भ्रष्टाचार के नंगे खेल को जनता के सामने रखा तब पोल खुली के हमारा भारत अमेरिका को पेट्रोल खरीद के नाम पर सत्तावन हज़ार करोड़ रूपये अधिक दे चुका है ,,,,,,,,,,,हमारा देश अगर ईरान से पेट्रोल लेता तो हमे पेट्रोल सस्ता और उच्च क्वालिटी का मिलता हमे सत्तावन करोड़ का फायदा होता जो देश के गरीबों और इंफ्रा स्ट्रैचर विकसित करने के काम आता ,,,,इतना ही नहीं देश में पेट्रोल ,,गेस सस्ता होता तो मूल्यों में भी कमी होती  ,,महंगाई कम होती ,,देश विकसित होता ,,,लेकिन अंतर्राष्ट्रीय तेल माफिया ,,तेल डकेत अमेरिका ने भारत को डराया धमकाया क्योंकि अगर भारत अमेरिका से महंगे दामों में पेट्रोल नहीं खरीदता तो अमेरिका का डॉलर गिर जाता ,,अमेरिका तबाह और बर्बाद हो जाता ,,,,,तो दोस्तों जब रिलाइंस के प्रति झुकाव नरेंद्र मोदी का देखा गया और अमेरिका को यह समझ में आया के कोंग्रेस तो पचास सीटों पर सिमट रही है तो उन्होेंने मोदी का दामन थामा और उद्द्योगपतियों के ज़रिये अलिखित समझोता क्या है के वोह अगर प्रधानमंत्री बने तो पेट्रोल तो अमेरिका से ही महंगे दामों में ही खरीदेंगे ,,इराक़ चाहे कितना ही सस्ता और उच्च क्वालिटी का तेल दे उससे नहीं खरीदना है बस अमेरिका की निगाह में जो मोदी हत्यारा ,,खुनी ,,क़ानून तोड़ने वाला था वोह बहतरीन प्रशासक ,,भावी प्रधानमंत्री हो गए इसके लिए गेर भाजपाई वोटो को बांटकर भाजपा को बढ़त दिलाने के लिए अन्ना हज़ारे को फार्मूला दिया गया और गैरभाजपाई वोटों के बंटवारे के लिए उन्होंने ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर भाजपा को एकजुट और मज़बूत क्या है जबकि गेर भाजपाई वोटों को बिखेर कर कमज़ोर कर दिया है ,,,,,,में भी नरेंद्र मोदी का समर्थक हो जाऊँगा अगर वोह आज यह घोषणा कर दे के भारत अमेरिका से जो महंगा और निम्न क्वालिटी का पेट्रोल लेकर देश को हर साल सत्तावन हज़ार करोड़ का चुना लगा रहा है वोह इस पेट्रोल को अंतराष्ट्रीय स्तर पर जो भी सस्ता और क्वालिटी वाला देगा उसे खरीदने का क़रार करेंगे तो चलो में भी मोदी के साथ हूँ लेकिन उनसे यह कहलवाओ यह घोषणा करवाओ तो सही क्योंकि अमेरिका के लिए तो भारत के गरीबों को लूटकर उनका रुपया अमेरिका के खज़ाने भरने वाले की ज़रूरत है ,,,,,,,,,अख्तर खान  अकेला कोटा राजस्थान

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