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27 मार्च 2014

सभी जानते है के खून से सनी सड़कों के इस माहोल में हेंगिंग ब्रिज और बाइपास कोटा लोकसभा क्षेत्र का मुख्य चुनावी मुद्दा होगा

दोस्तों कोटा लोकसभा क्षेत्र के लोगों के लिए,, वेसे तो खाद ,,बीज ,,,फसल ,,सिंचाई ,,बिजली ,,क़ानून व्यवस्था ,, बाहुबलियों और भूमाफियाओं की एक बढ़ी समस्या है ,,यहा रेल के डिब्बे के कारखाने की सभी पर्याप्त सहूलियतें होने के बाद भी रेल कारखान भीलवाड़ा गया ,,आई आई टी स्वीकृत होने के बाद भी जोधपुर गई ,,ना जाने कितने विभाग कितनी योजनाये बंद कर दी गयी ,,,एयर पोर्ट से फिलाइट  शुरू नहीं हो पाई ,,,राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच और रेवेन्यू बोर्ड की डबल बेंच नहीं आ पाई ,,,,,,,शोषण उत्पीड़न का दौर रहा ,कोटा कलेक्ट्रेट को सील बंद कर आम आदमी की आवाजाही बंद कर दी गयी ,,,उद्द्योग बंद हुए और नेताओं ने अप्रतयक्ष रूप से  खरीद लिए ,,मज़दूर बेरोज़गार हुए ,,शिक्षा माफिया की लूट चिकित्सा माफियाओं के नाम पर निजी चिकित्सकों की लूट का दर्द सभी जानते है ,,लेकिन दोस्तों इस बार कोटा लोकसभा का सबसे बढ़ा मुद्दा कोटा की खून से सनी सड़के और बाइपास होगा ,,यहा सभी जानते है के बाइपास निर्माण और हेंगिंग  ब्रिज का निर्माण कार्य केंद्र सरकार का राष्ट्रिय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अपनी चहेती विदेशी कम्पनियों को देकर करवाया जा रहा है ,एक तरफ तो देवली से नाँता ,,होते हुए जो सड़क  मार्ग का हाइवे बन रहा है वोह कोटा की प्रशासनिक अक्षमता और सेना की हठधर्मिता से रुका पढ़ा है ,,यहा राष्ट्रिय राजमार्ग प्राधिकरण ने जिस कम्पनी को ठेका दिया है उसे सेना के लोग अपने हिस्से की ज़मीन बताकर काम नहीं करने दे रहे है इस मामले में अनेकों बार कोटा कलेकटर की उपस्थिति में बैठक हो चुकी है अफ़सोस की बात यह है के क़ानून के तहत प्रशासन या केंद्र सरकार अपने अधिकारों का प्रयोग कर कोटा के लोगों के लिए पांच साल पहले बन जाने वाले इस मार्ग को अब तक नहीं बनवा पाई है ,,बात साफ है के केंद्र सरकार में हमारा प्रतिनिधित्व कमज़ोर और बहुत कमज़ोर रहा कोटा और कोटावासियों की संवेदना के प्रति हमारे पक्ष और विपक्ष के नेताओं का चिंतन नहीं रहा लोकसभा में कोई सवाल नहीं ,,,दिल्ली के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारीयों से कोई बैठक नहीं कोई बात चीत नहीं नतीजा कोटा की खून से सनी सड़के ना जाने कितनी माओं की गोद उजड़ती है कितनी बहनों का सुहाग उजड़ता है ,,कितने बेटे अपनी माँ की गोद सुनी कर जाते है लेकिन केंद्र सरकार है के केवल बात चीत ही कर रही है कोई फैसला नहीं करती खेर सेना को समझाना तो केंद्र सरकार का मेंडेट जारी करवा कर बहुत आसान काम है,,लेकिन इधर सभी जानते है हेंगिंग ब्रिज का रोंगटे खड़े कर देने वाला हादसा जिसमे जांच ढीली हुई ,,अदालत से विदेशी कम्पनी का अपराधी फरार हो गया ,,,,,,,,,,सरकार और इस विदेशी कम्पनी की सांठ गांठ का ही नतीजा यह हादसा था खेर लोग रोए धोये आंसू पोंछे गए फिर लोगों ने सपना देखा के यह हेंगिंग ब्रिज जल्दी और बहुत जल्दी निर्मित हो जाए लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारीयों की लापरवाही और ढील पोल के कारण विदेशी कम्पनी वक़्त पर काम नहीं कर रही है ,,बार बार भागने की धमकी दे रही है जो हेंगिंग ब्रिज पांच साल पहले तैयार होजाना था वोह ब्रिज अभी दो क़दम आगे भी निर्मित नहीं हो सका है विदेशी कम्पनी जो सरकार के करोड़ों रूपये खाकर बेठी है उसके प्रति अधिकारी केंद्र सरकार उदार है कोई फौजदारी कारवाही ,,विश्वासघात कर धोखाधड़ी करने की कारवाही और दूसरी फौजदारी कारवाही नहीं कर रही है सभी ताक़त होने के बाद भी बस दिखावा केवल दिखावा के हेंगिंग ब्रिज का काम पूरा ना हो कम्पनी भाग जाए कथित रूप से ब्लेक लिस्टेड कर जनता को बेवक़ूफ़ बनाकर इस काम को कई हज़ार करोड़ रुपया महंगा कर पांच साल आगे बढ़ा दिया जाए ताके कोटा में लूट खसोट ,,दुर्घटनाये बढ़ती रहे लोग बेमौत मरते रहे सड़के खून से सनी रहे ,,ताज्जुब है न कोंग्रेस ना भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया है केवल हमलोग संस्था के डॉकटर सुधीर गुप्ता और उनकी टीम के रजत खन्ना ,,पुरुषोत्तम पंचोली ,,सुनील माथुर ,,विवेक ,,,सहित दूसरे साथी इस मुद्दे को उठाते रहे है ,दोस्तों सभी जानते है के खून से सनी सड़कों के इस माहोल में हेंगिंग ब्रिज और बाइपास कोटा लोकसभा क्षेत्र का मुख्य चुनावी मुद्दा होगा ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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