आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 फ़रवरी 2014

मुसलमानो के इस आखरी पढ़ाव के खस्ता हाल पर क्या पहल करते है और उन्हें इस समस्या से केसे नजात दिलाते है

दोस्तों कुछ क़ौमे ऐसी होती है जिन्हे जीते जी तो  मरने के बाद भी सुकून नसीब नहीं है ,,,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ मुस्लिम समाज से जुड़े कोटा के लोगों की ,,,यहाँ वेसे तो सरकार कथित घोषणाओ के नाम पर इस समाज  के ज़िंदा लोगों को लुभावने सपने दिखाकर ठगती रही है उनका ना तो टारगेट पूरा है और ना ही उन योजनाओं पर अमल है ,,मुस्लिम छात्र छात्रा छात्रावास ,,,ऋण योजनाओं ,,भूमि आवंटन ,,शिक्षा ,,रोज़गार सहित कई ऐसी थोथी घोषणाएं है जो कागज़ का टुकड़ा बनी है लेकिन इस कॉम के लोगों को मरने के बाद भी सुकून ना मिले तो फिर इसे ज़िंदा तो क्या मुर्दा क़ौम कहने में भी शर्म आती है ,,कोटा में मुस्लिमों की मौत के बाद उनके शव का आखरी पढाव क़ब्रिस्तानों में होता है ,,लेकिन अफ़सोस क़ब्रिस्तानों की खस्ता हालत मुर्दों को भी चीखने को मजबूर कर रही है वेसे तो यहाँ हर क़ब्रिस्तान में क़ब्र खोदने वाले क़ब्रों के रखरखाव और क़ब्र खोदने के लिए मामूली सी रकम लेते है लेकिन वोह भी इस रखरखाव के लिए बेपरवाह है ,,,,राजस्थान सरकार ने क़ब्रिस्तानों के रखरखाव के लिए ज़िला वक़फ़ कमेटिया और राजस्थान वक़फ़ बोर्ड का गठन कर रखा है ,,,,,लेकिन अफ़सोस कोटा के क़ब्रिस्तानों के मामलों में वक़फ़ कमेटियां निकम्मी साबित हुई है ,,यहाँ  सभी क़ब्रिस्तानों की खस्ता हाल है ,,,क़ब्रिस्तान पक्की क़ब्रों से सिकुड़ गए है छोटे हो गए है ,,,,सभी क़ब्रिस्तान अतिक्रमणकारियों से बेहाल है ,,,,,,,,,,,,,,,,,क़ब्रिस्तानों की हालत यह है के वहाँ घुटनों घुटनों पानी भरा है इतना ही नहीं मय्यत को दफन करने के बाद कुछ दिनों बाद ही क़ब्रें टूट गयी है ,,क़ब्रों की बेहुरमती और अपमान हो रहा है ,,,,भँवरशाह तकिया ,,,जंगलीशाह बाबा सोफिया स्कूल के पास स्थित प्राइम लोकेशन के इस क़ब्रिस्तान में अव्वल तो अतिक्रमणकारियों ने बेशर्मी से क़ब्रिस्तान पर से एक बार भाजपा शासन में अतिक्रमण हटाने के बाद फिर से कोंग्रेस के राज में अतिक्रमण कर लिए जिन्हे कोंग्रेस के बेठे वक़फ़ के लोगों ने हटाने की कोई पहल नहीं की मुक़दमों तक में ढिलाई बरती ,,,,लेकिन अब तो हद हो गयी इस क़ब्रिस्तान में पानी भरा है ,मिटटी बह रही है ,,,नयी क़ब्रें भी टूट फुट गयी है ,,,,,इस इलाक़े के नगर निगम के सेकटर इंस्पेकटर ,,,,पटवारी ,,थानाधिकारी इस संवेदनशीलता को नहीं देखते क्योंकि इस तरह की टूटफूट कल को लो ऍनड ऑर्डर के लिए कोई बढ़ा सवाल खड़ा कर सकती है ,,पिछले दिनों अल्फलाह की पहले पर क़ब्रिस्तानों की साफसफाई कोटा के नौजवानों ने की थी लेकिन सब बेकार साबित हुई ,,,,,,,राजस्थान वक़फ़ बोर्ड ,,,राजस्थान अलसपनसख्यक आयोग ,,,,,,,,,,,,भाजपा और कॉग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राज्य स्तर के पदाधिकारी कोटा में है लेकिन कोई इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है ,,,,,,,,ज़िला प्रशासन पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम के तहत बैठकें नहीं कर रहा है जो इस तरफ उसका ध्यान दिलवाया जा सके ,,,,ज़िला अल्प्संक्षयक अधिकारीयों ने इस तरफ विशेष रिपोर्ट तय्यार कर प्रशासन को अवगत नहीं कराया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,भला हो दैनिक भास्कर के कोटा सम्पादक विजय सिंह चौहान का जिन्होंने इस तरफ ध्यान दिया और फिर जागरूक पत्रकार शैलेंदर माथुर ने जंगलीशाह बाबा के इस खस्ता हाल क़ब्रिस्तान की समस्याएं जनता के सामने रखी ,,,,,,,,,देखते है कोटा के आम मुसलमान ,कांग्रेस भाजपा के पदाधिकारी ,,,मुफ़्ती ,,मौलवी ,,,मज़हबी लोगों ,,जाती समाज पंचायत के लोग ,,समाज सेवक ,,,भामाशाह और सियासी लोग मुसलमानो के इस आखरी पढ़ाव के खस्ता हाल पर क्या पहल करते है और उन्हें इस समस्या से केसे नजात दिलाते है ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...