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11 फ़रवरी 2014

केंद्र के अधिकार क्षेत्र में 'केजरीवार': गैस की झूठी किल्लत व भ्रष्टाचार के आरोप में बड़ों को लपेटा



नई दिल्ली. पेट्रोलियम कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी, पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली और पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसके आदेश दिए। एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच भी शुरू कर दी। इनके अलावा हाइड्रोकार्बन के पूर्व महानिदेशक वीके सिब्बल को भी आरोपी बनाया गया है। केजरीवाल ने बताया कि चार लोगों ने शिकायत दी थी। इनमें पूर्व केंद्रीय कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम, पूर्व केंद्रीय सचिव ईएएस सरमा, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल आरएच ताहिलियानी व सुप्रीम कोर्ट की वकील कामिनी जायसवाल शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'एक अप्रैल से गैस महंगी करने की तैयारी है, जिससे रिलायंस को 54 हजार करोड़ रुपए का फायदा होगा।
आरोप : जानबूझकर दिखाई गैस की कमी
केजरीवाल के अनुसार, मुकेश अंबानी ने देवड़ा और मोइली के साथ मिलकर जानबूझकर गैस की कमी पैदा की, ताकि दाम बढ़ाए जा सकें। गैस निकालने में प्रति यूनिट एक डॉलर का खर्च आता है। बेचने की तैयारी 8 डॉलर में है। मौजूदा कीमत 4.2 डॉलर (262.25 रुपए) प्रति यूनिट है। इसे बढ़ाकर 8.4 डॉलर (524.20 रुपए) प्रति यूनिट किया जाना है। यह दुनिया में सबसे अधिक होगी।
सवाल: उत्पादन घरेलू तो दाम डॉलर में क्यों?
केजरीवाल ने सवाल उठाया- गैस का उत्पादन और इस्तेमाल घरेलू है तो कीमत डॉलर के हिसाब से क्यों तय की जाती है?
केंद्र ने सॉलिसिटर जनरल आर नरीमन की राय और सीएजी रिपोर्ट को नजरअंदाज क्यों किया?
कीमतें दोगुना करने का फैसला करने के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जबकि रिलायंस ने ही हाईड्रोकार्बन को भेजी कॉस्ट शीट में गैस निकालने की प्रति यूनिट लागत एक डॉलर से भी कम आंकी थी।
दिल्ली के सीएम से भास्कर के सीधे सवाल
हां, हमें जांच कराने का अधिकार
सवालः आप जो कर रहे हैं, क्या वह आपके अधिकार क्षेत्र में आता है?
जवाब: कीमतें बढ़ाने की साजिश दिल्ली में ही रची गई। फैसला भी दिल्ली में ही हुआ। इस भ्रष्टाचार से दिल्ली की जनता भी प्रभावित हो रही है। हमारा अधिकार क्षेत्र बनता है।
क्या दिल्ली सरकार की एसीबी को जांच का हक है?
जवाब: बिल्कुल है। कई बार एसीबी ने दिल्ली से बाहर जाकर भी जांच की है। एसीबी के पास भ्रष्टाचार के मामलों में बड़े अधिकार हैं।
दिल्ली के हर फैसले उप-राज्यपाल पर निर्भर है। वे पेट्रोलियम मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे हैं। रिलायंस में भी रहे हैं। ऐसी जांच कितनी निष्पक्ष होगी? 
जवाब : मुझे इसका आइडिया नहीं है।
कुएं में बाल्टी डालकर पानी की तरह तेल नहीं निकाला जाता। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत विशेषज्ञों की सलाह पर तय की जाती है। केजरीवाल को यह पता होना चाहिए कि सरकार कैसे काम करती है।
-वीरप्पा मोइली, पेट्रोलियम मंत्री

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