लखनऊ. लंबे हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार सहारा श्री सुब्रत रॉय फिलहाल जेल जाने से बच गए। लखनऊ
कोर्ट ने शुक्रवार को सहारा प्रमुख को चार मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत
में भेज दिया है। पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह चार मार्च को
दोपहर दो बजे तक सुप्रीम कोर्ट के सामने रॉय की पेशी सुनिश्चित करे।
सूत्रों के मुताबिक, यूपी पुलिस ने उन्हें वन विभाग के एक गेस्ट हाउस में
रखा है।
पेशी के समय जज के पूछने पर सुब्रत रॉय ने कहा कि वह न्यायपालिका में
विश्वास करते हैं। वह कोर्ट के हर आदेश का सम्मान करते हैं। लेकिन
व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि वह अपनी बीमार मां के साथ रहें।
जज ने लगाई फटकार
सीजेएम आनंद कुमार ने सामने पुलिस सुरक्षा के बीच सहारा श्री कोर्ट
में पेश हुए। लखनऊ पुलिस ने अदालत से सुब्रत रॉय की पुलिस कस्टडी मांगी।
इसके बाद कोर्ट ने उनको चार मार्च तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
इससे पहले सुब्रत रॉय की पेशी में देरी होने पर सीजेएम भड़क उठे।
उन्होंने पुलिस से पूछा कि दस मिनट की दूरी तय करने में इतना वक्त क्यों
लग रहा है? जज ने कहा, 'कोर्ट दो घंटे से बैठी है और न तो पुलिस सुब्रत
रॉय को लेकर आई है और न ही उनका कोई वकील आया है।'
जज के तल्ख रुख के बाद एसपी (ट्रांस गोमती) हबीबुल हसन दल-बल के साथ
सहारा शहर पहुंचे। फिर, सुब्रत रॉय के वकील भी कोर्ट पहुंचे। इसी बीच कोर्ट
परिसर में अचानक मुख्य अभियोजन अधिकारी लल्लन यादव की तबियत खराब।
आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हाउस अरेस्ट रहना चाहते थे सहारा श्री
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय शुक्रवार को आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गए।
लेकिन, अब वह किसी भी तरह 'हाउस अरेस्ट' होकर घर में ही रहना चाहते थे।
इसके लिए उन्होंने बीमारी का दांव चला। सहारा अस्पताल के प्रमुख डॉ. एसपी
कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों का एक दल उन्होंने अपने घर पर ही बुलवा
लिया। डॉक्टरों ने उनका मेडिकल परीक्षण किया।
कैसे हुआ यह?
पुलिस का कहना था कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जबकि रॉय की ओर से सरेंडर किए जाने की बात कही जा रही थी।सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश नहीं होने पर सुब्रत
रॉय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इसे रद्द करने के लिए
रॉय ने याचिका भी दी। लेकिन, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने गैर जमानती
वारंट रद्द करने की रॉय की याचिका पर सुनवाई नहीं की। गुरुवार को यूपी
पुलिस भी उनकी गिरफ्तारी के लिए लखनऊ स्थित उनके घर पहुंची थी। ऐसे में उन पर काफी दबाव था।
लखनऊ में गिरफ्तारी, दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस
रहस्यमय कारोबारी समूह के
प्रमुख सुब्रत रॉय के बेटे सीमांतो रॉय ने दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल
में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखवार पूरा घटनाक्रम बताया। उन्होंने कहा कि
उनके पिता सु्प्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक यूपी पुलिस को सहयोग कर
रहे हैं। सहारा परिवार के बारे में कुछ लोगों द्वारा गलतफहमियां फैलाई जा
रही हैं। उन्होंने बताया कि सुब्रत रॉय ने स्वेच्छा से लखनऊ पुलिस के
सामने सरेंडर किया है। सहारा परिवार ने हमेशा ही देश की प्रतिष्ठा को कंपनी से ऊपर रखा है।
उन्होंने कहा, सुब्रत रॉय सहारा परिवार के 12 लाख कर्मचारियों के
पिता समान हैं। इस पूरे प्रकरण से सहारा परिवार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सुब्रत रॉय कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं और हमें देश के कानून
व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।
सीमांतो ने बताया कि उनके पिता दिल्ली आए थे और वकीलों से मिले थे।
लेकिन, उसी शाम उन्हें उनकी मां की तबीयत काफी खराब होने की जानकारी मिली।
इसके बाद उन्हें लखनऊ लौटना पड़ा। उन्होंने इस बात की जानकारी सुप्रीम
कोर्ट को भी दी थी। इसके बावजूद कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कर दिया
गया। गुरुवार की रात जब वह घर पहुंचे तो उन्हें घर पर पुलिस के पहुंचने की
जानकारी मिली। तब शुक्रवार सुबह उन्होंने सरेंडर कर दिया। लेकिन, एसएसपी
प्रवीण कुमार के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में वारंट रद्द करने की अर्जी मंजूर
नहीं होने के बाद लखनऊ पुलिस ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया।
करोड़ों के साम्राज्य के मालिक रॉय ने दी यह सफाई
गुरुवार को यूपी पुलिस की टीम के सर्च ऑपरेशन के बाद सुब्रत रॉय ने
प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सफाई दी। इसमें उन्होंने कहा कि गुरुवार की शाम
को वह सहारा शहर में नहीं थे। मां की बीमारी के संबंध में डॉक्टरों के एक
पैनल से सलाह लेने के बाद अपने वकील से मिलने गए थे।
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