जयपुर. प्रदेश कांग्रेस का सरकार के खिलाफ गुरुवार को आयोजित चेतना मार्च फ्लॉप ही रहा। अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में यह पहली रैली थी, जिसके माध्यम से भाजपा सरकार पर गहलोत सरकार के समय हुए कार्यों को रोकने का आरोप लगाया गया। पार्टी का दावा था कि चेतना मार्च में हजारों की तादात में कार्यकर्ता आएंगे, लेकिन यह आंकड़ा महज डेढ़ हजार तक ही सीमित रहा। रैली संसार चंद्र रोड, एमआई रोड, भगवानदास रोड होते हुए स्टेच्यू सर्किल पहुंची। यहां उद्योग मैदान में आम सभा रखी गई।
भीड़ नहीं जुटी तो एक घंटे देरी से रवाना हुई
रैली की रवानगी का समय दोपहर साढ़े 12 बजे तय किया गया था, लेकिन भीड़ नहीं जुटने के कारण एक घंटे तक पीसीसी के बाहर नारेबाजी होती रही। सवा बजे के 600-700 कार्यकर्ता उद्योग मैदान चले। रैली के दौरान दो जगहों पर कार्यकर्ताओं में हाथापाई भी हुई। कभी डॉ. चंद्रभान को आगे लाया गया, तो कभी सचिन पायलट को। बीच बीच में रामेश्वर डूडी, मिर्जा इरशाद बेग, सांसद महेश जोशी, राजीव अरोड़ा, रतन देवासी, महेंद्र चौधरी, वैभव गहलोत और प्रताप सिंह खाचरियावास भी रैली के आगे दिखाई दिए।
मुख्य सचिव को सौंपा ज्ञापन
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अर्चना शर्मा ने बताया कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन मुख्य सचिव को सौंपा, जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनहित में जारी रखने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह, मोहम्मद हनीफ खत्री, महासचिव पुखराज पराशर, पूर्व मंत्री मुरारी मीणा व विनोद चौधरी थे
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