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18 फ़रवरी 2014

भारी हंगामे के बीच लाइव टीवी प्रसारण रोक कर लोकसभा में पास किया गया तेलंगाना बिल

नई दिल्ली. आंध्र के विभाजन से जुड़ा तेलंगाना बिल लोकसभा में भारी विरोध व हंगामे के बीच पास हो चुका है। इसी के साथ तेलंगाना को देश का 29वां राज्य बनाने का सफर एक पड़ाव पार कर गया है। बिल को भारी हंगामे के बीच पास किया गया। इससे पहले लोकसभा टीवी पर सीधा प्रसारण रोक दिया गया था। लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार के इस फैसले पर गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, 'ऐसी चीजें होती रहती हैं।' लेकिन, जदयू ने कहा कि राज्‍य बंटवारे पर सदन में ऐसा नजारा कभी नहीं दिखा। 
हालांकि सरकार की ओर से सफाई गई कि तकनीकी समस्या के कारण लोकसभा की कार्रवाई का प्रसारण नहीं किया गया। 
 
बिल पास होने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। खबर है कि किसी  भी संशोधन बिल या तेलंगाना बिल पर मतविभाजन नहीं कराया गया। सभी बिल ध्वनिमत से ही पारित किए गए। 
 
कोई सुनने को तैयार नहीं था: जेडीयू
 
बता दें कि जेडीयू ने संशोधन बिल की वोटिंग के दौरान ही सदन का वाकआउट कर दिया था। बाहर आते ही जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि राज्य के बंटवारे पर ऐसा नजारा कभी नहीं देखा। इसके साथ की कहा कि बंद दरवाजों के भीतर कोई सुनने को तैयार नहीं था, इसलिए पार्टी ने सदन का वॉकआउट कर दिया। माना जा रहा है कि आंध्र के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी कल अपना इस्तीफा दे सकते हैं।
 
कांग्रेस ने व्हिप जारी की थी
 
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया था। भाजपा ने भी सैद्धांतिक रूप से बिल को अपना समर्थन दे दिया है। 
 
LIVE प्रसारण पर लगाई रोक
 
इससे पहले सस्पेंडेड सांसदों की घुसपैठ को नाकाम करने के लिए लोकसभा के न केवल सभी दरवाजों को बंद कर दिया गया, बल्कि सदन की कार्यवाही के प्रसारण पर भी रोक लगा दी गई। दरअसल, आज दोपहर संसद के सेंट्रल हॉल में संदिग्ध सामान के साथ एक सांसद ने घुसपैठ की कोशिश की थी।जिसके बाद सुरक्षा बल ने अलर्ट जारी किया गया। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह सांसद किस पार्टी का है।
 
पहले भी रोका जा चुका है सदन की कार्यवाही का प्रसारण
यह पहला मौका नहीं जब सरकार ने सदन की कार्यवाही के प्रसारण से जनता को दूर कर दिया हो। आखिरी बार सदन की कार्यवाही का प्रसारण 2002 में भी गोधरा कांड के बाद रोका गया था। उस वक्त बीजेपी नेता प्रमोद महाजन सूचना और प्रसारण मंत्री थे। 
 
भाजपा की मांगे मानी
 
बिल को सदन में रखने से पहले सरकार ने भाजपा की सीमांध्र के लिए विशेष पैकेज की मांग को भी स्वीकार कर लिया। साथ ही संशोधित बिल लाने की बात भी मान ली। इससे पहले वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी ने बिल को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से चर्चा की थी।
 
शिवसेना ने नहीं दिया बीजेपी का साथ 
तेलंगाना विधेयक पर शिवसेना ने भाजपा का साथ नहीं दिया। वहीं वाम मोर्चे में माकपा ने जहां इसका विरोध किया, वहीं भाकपा ने इसका समर्थन किया। जद यू के सदस्यों ने सदन में व्यवस्था के बिना विधेयक को पारित कराने के विरोध में सदन से वाकआउट किया।
 
टीएमसी ने लगाए नारे
तेलंगाना मुद्दे पर भाजपा द्वारा सरकार का समर्थन किए जाने का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने लगातार नारे लगाए। ये सदस्य नारे लगा रहे थे 'आज का दिन काला है, भाजपा-कांग्रेस जोड़ा है, राहुल-मोदी जोड़ा है.. सोनिया-सुषमा जोड़ा है।'
 
अब आगे क्या?
1. लोकसभा में बिल पास हो चुका है।
2. बिल को अब राज्यसभा में भेजा जाएगा।
3. राज्यसभा में बिल पास कराना कांग्रेस के लिए मुश्किल है।
4. कांग्रेस के सहयोगी भी बिल के विरोध में हैं।
5. राज्यसभा से बिल पास हुआ तो राष्ट्रपति के पास जाएगा।
6. बिल विरोधी कोर्ट की शरण लेने की तैयारी में हैं।
7. ऐसे में ये बिल की राह में रोड़ा बन सकता है।

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